Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मध्यप्रदेश के भोपाल में एक साल में 35 फीसदी बढ़ी देह व्‍यापार करने वाली वर्करों की तादाद

    मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 1387 समेत प्रदेश के सभी जिलों में मिलाकर 35 हजार फीमेल देह व्‍यापार करने वाली (एफएसडब्ल्यू) हैं। भोपाल में साल 2020 में 138 और 2021 में 187 एफएसडब्ल्यू पंजीकृत की गई हैं। इस तरह देखा जाए तो एक साल के अंदर इनकी संख्या 35 फीसद बढ़ी है। वहीं अगर प्रदेश की बात करें तो 2008 में एक निजी एजेंसी द्वारा कराए गए

    By Priti Jha Edited By: Priti Jha Updated: Tue, 22 Feb 2022 10:17 AM (IST)
    Hero Image
    मध्यप्रदेश के भोपाल में एक साल में 35 फीसदी बढ़ी देह व्‍यापार करने वाली वर्करों की तादाद

    भोपाल, जेएनएन । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 1387 समेत प्रदेश के सभी जिलों में मिलाकर 35 हजार फीमेल देह व्‍यापार करने वाली (एफएसडब्ल्यू) हैं। भोपाल में साल 2020 में 138 और 2021 में 187 एफएसडब्ल्यू पंजीकृत की गई हैं। इस तरह देखा जाए तो एक साल के अंदर इनकी संख्या 35 फीसद बढ़ी है। वहीं अगर प्रदेश की बात करें तो 2008 में एक निजी एजेंसी द्वारा कराए गए सर्वे में 29 हजार एफएसडब्ल्यू मिली थीं। यानी 11 साल में इनकी संख्या 20 फीसद तक बढ़ गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मालूम हो कि समिति के आंकड़ों के मुताबिक भोपाल में गे (आपस में संबंध बनाने वाले पुरुष) की संख्या 820 है। इनमें अकेले 211 गे 2021 में पंजीकृत किए गए हैं। एफएसडब्ल्यू, गे, इंजेक्शन से नशा लेने वाले एचआइवी के लिए बहुत ज्यादा जोखिम में रहते हैं, इस कारण एनजीओ का माध्यम से इन्हें चिन्हित करने के साथ ही उनके बीच रोकथाम की गतिविधियां चलाई जाती हैं।

    जानकारी हो कि मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के टारगेट इंटरवेंशन (टीआइ) प्रोजेक्ट के तहत काम करने वाले गैरसरकारी संगठनों ने इनकी पहचान कर पंजीकृत किया है। समिति के प्रोजेक्टर डायरेक्टर ने कहा कि हमेशा ही पंजीयन की प्रक्रिया चलती रहती है, लेकिन मप्र राज्य एड्स नियंत्रण समिति ने अपने पोर्टल पर पहली बार यह संख्या जारी की है। इसकी वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने करीब तीन महीने पहले एफएसडब्ल्यू को भी सरकार की निःशुल्क खाद्यान्न् योजना में शामिल करने का निर्देश दिया है, जिस पर अमल किया जा रहा है। इन्हें राशन देने का काम टीआइ प्रोजेक्ट के जरिए किया जाएगा, जिससे इनकी पहचान उजागर न हो। खाद्यान्न वितरण से जुड़े अधिकारियों को संख्या पता रहे, इसलिए इसे पोर्टल में डाला गया है।

    सर्वाधिक एफएसडब्ल्यू वाले जिले

    भोपाल--1387

    इंदौर-- 2513

    छिंदवाड़ा--2464

    सागर-- 1543

    रायसेन-- 1441

    प्रदेश में कुल-- 35 हजार

    गे की सर्वाधिक संख्या वाले जिले

    इंदौर-- 1570

    ग्वालियर-- 849

    भोपाल--820

    जबलपुर--795

    सागर-- 739

    प्रदेश में कुल गे की संख्या--12 हजार