आइआइटी दिल्ली मध्य प्रदेश के कोरोना टीकाकरण माडल का कर रहा अध्ययन, देशव्यापी महाअभियानों में प्रदेश ने कई बार बनाए रिकॉर्ड
टीकाकरण के देशव्यापी महाअभियानों में मध्यप्रदेश ने कई बार रिकॉर्ड बनाए हैं। टीकाकरण के दौरान मध्यप्रदेश में जिन नवाचारों का उपयोग किया है उनका अध्ययन ...और पढ़ें

भोपाल, जेएनएन। कोरोना टीकाकरण में मध्यप्रदेश के बेहतर काम को देखते हुए आइआइटी दिल्ली ने इस पर अध्ययन शुरू किया है। दो से तीन महीने के भीतर अध्ययन पूरा होने की उम्मीद है। इसके निष्कर्षों से दूसरे प्रदेश और देशों को फायदा मिलेगा। मध्य प्रदेश के कोरोना टीकाकरण मॉडल से अफ्रीका के कई देशों समेत देश के दूसरे राज्यों को भी फायदा मिलेगा। वह नियमित टीकाकरण में मध्य प्रदेश की नवाचारों को शामिल कर सकते हैं।
जानकारी हो कि राज्य टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह (सर्विक्स) के कैंसर के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ह्यूमन पेपिलोमा वायरस( एचपीवी) वैक्सीन को भी भारत सरकार नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने जा रही है। किशोरियों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी। सभी टीकों की तरह यह भी निःशुल्क रहेगा। इसकी दो डोज लगेंगी। निजी अस्पतालों में एक डोज लगवाने का खर्च करीब 28 सौ रुपए है। उन्होंने बताया कि इस वैक्सीन के लगने से सर्विक्स कैंसर से 45 से 50 फीसद तक बचाव हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि 10 साल और 16 साल की उम्र में अभी तक बच्चों को सिर्फ टिटनेस का टीका लगाया जाता था। आप बड़ो में डिप्थीरिया( गलघोटू) के मामले भी देखने को मिल रहे हैं। लिहाजा टिटनेस के साथ डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को भी टिटनेस के साथ डिप्थीरिया का टीका लगेगा। इसकी शुरुआत इसी साल अप्रैल से होगी।
जानकारी मध्य प्रदेश का चुनाव अध्ययन के लिए इसलिए किया गया है कि टीकाकरण के देशव्यापी महाअभियानों में मध्यप्रदेश ने कई बार रिकॉर्ड बनाए हैं। टीकाकरण के दौरान मध्यप्रदेश में जिन नवाचारों का उपयोग किया है, उनका अध्ययन किया जा रहा है। उन क्षेत्रों में भी टीकाकरण की उपलब्धि बेहतर रही है, जहां आसानी से वाहनों से नहीं पहुंचा जा सकता। "जहां हितग्राही वहां टीका" अभियान शुरू किया गया। इसमें खेतों में जाकर भी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने टीका लगाया। इसी का फायदा है कि मध्यप्रदेश में अभी तक 18 साल से ऊपर के 98 फीसद फीसद को कोरोनारोधी टीका की पहली और 96 फीसद को दोनों डोज लग चुकी हैं। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च) को बातचीत में यह जानकारी राज्य टीकाकरण अधिकारी ने दी।

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