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    कड़ी धूप में शाम का नजारा देखना है तो आइए पातालकोट, मन मोह लेगा सावरवानी होम स्टे

    Updated: Fri, 21 Feb 2025 06:42 PM (IST)

    जैसे ही गर्मियों की छुट्टियों की शुरू होती हैं लोग देश के कई हिस्सों में घूमना पसंद करते हैं। अगर आप भी इस गर्मी कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो आप मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बसे पातालकोट जा सकते हैं। जहां तक नजर डालें वहां तक हरियाली कड़ी धूप के बाद भी शाम जैसा नजारा यहां दिखता है।

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    कड़ी धूप में शाम का नजारा देखना है तो आइए पातालकोट। (फोटो- मप्र पर्यटन निगम)

    जेएनएन, छिंदवाड़ा। अगर आप गर्मियों के अवकाश में प्रकृति के बीच कहीं घूमने का मन बना रहे हैं तो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बसा पातालकोट सबसे उपयुक्त जगह में से एक हो सकती है। जहां तक नजर डालें वहां तक हरियाली, कड़ी धूप के बाद भी शाम जैसा नजारा यहां दिखता है।

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    ऐसा लगता है कि मानो पातालकोट को प्रकृति ने सारे तोहफे दिए हैं। यही वजह है कि जो भी यहां आता है वो बस देखता ही रह जाता है। यहां होने वाले एडवेंचर महोत्सव के जरिए पातालकोट को आधुनिक रूप देने के प्रयास किए जा रहे हैं। अब शासन की पहल पर बने होम स्टे में तो घर जैसा ही माहौल बना देते हैं।

    कैसे पहुंचे पातालकोट? 

    छिंदवाड़ा से भोपाल जाने वाले रास्ते पर 78 किलोमीटर की दूरी पर पातालकोट घाटी स्थित है। रहस्य, रोमांच के साथ ये पर्यटन स्थल प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरपूर है। भारिया और गोंड जनजाति बहुल पातालकोट घाटी 79 किमी क्षेत्र में फैली हुई है। यहां दूधी नदी बहती है।

    चट्टानें ज्यादातर आर्कियन युग से हैं, जो लगभग 2500 मिलियन वर्ष हैं और इसमें ग्रेनाइट गनी, हरी स्किस्ट, मूल चट्टान, गोंडवाना तलछट के साथ क्वार्ट्ज समेकित बलुआ पत्थर, शैलियां और कार्बोनेशियास शैलियां शामिल हैं। शिलाजीत नामक चट्टानों पर समग्र कार्बन ऊपरी क्षेत्रों में कुछ पैच पर भी पाया जाता है।

    होम स्टे है आकर्षण का केंद्र

    पातालकोट के प्राकृतिक आनंदमयी वातावरण में रहने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन निगम मंडल की ओर से छह होम स्टे फिलहाल संचालित किए जा रहे हैं। जिले का पर्यटन ग्राम सावरवानी पर्यटकों से इन दिनों गुलजार हो रहा है। छिंदवाड़ा-भोपाल रोड पर झिरपा से चार किमी अंदर पर्यटन गांव सावरवानी खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है।

    होम स्टे के लिए एमपी टूरिज्म बोर्ड की वेबसाइट पर बुकिंग की जा सकती है। तीन हजार रुपये के किराये में चाय-नाश्ता और भोजन भी शामिल रहता है। होम स्टे का संचालन करने वाली समिति के प्रमुख मनोज बोरवंशी ने बताया कि डेढ़ साल पहले से प्रारंभ किए गए होम स्टे पर्यटकों को लुभा रहे हैं।

    ये भी हैं घूमने के स्थल

    सावरवानी में स्टे करने वाले पर्यटक अनहोनी गर्म कुंड, अनहोनी मेला, सप्तधारा, चावलपानी के निकट स्थित खारा पानी दैविक कुंड, मां विजयासन मंदिर (सालए माता), घोघरा वाटरफाल, तामिया, पातालकोट, मौनीबाबा की पहाड़ी के साथ झिंगरिया वाटरफाल घूम सकते हैं ।

    पाताल में बसे हैं 12 गांव

    छिंदवाड़ा जिले में पातालकोट को पाताल लोक माना जाता है। यहां ऐसे 12 गांव हैं, धरातल से 3000 मीटर नीचे जाकर बसे हैं। तीन गांव तो यहां ऐसे हैं, जहां कड़ी धूप के बाद भी शाम जैसा नजारा दिखता है। अपनी यात्रा को यादगार बनाने के लिए गर्मियों व मानसून के मौसम में पातालकोट घूमने जाएं।

    धरती की सुगंध और सुहाना मौसम इस जगह की शोभा बढ़ा देता है। घाटी के अंदरूनी हिस्सों में जाने के लिए अक्टूबर से फरवरी का समय सबसे अच्छा है। जुलाई से सितंबर तक के महीने घाटी को ऊपर से देखने के लिए बेहतर माने जाते हैं। भोपाल से छिंदवाड़ा सड़क मार्ग पर हिल स्टेशन पचमढ़ी से पर्यटन ग्राम सावरवानी की दूरी 40 किलोमीटर और छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से भोपाल के रास्ते में तामिया से इसकी दूरी 50 किलोमीटर है।

    ऐसे पहुंचे तामियां

    छिंदवाड़ा सड़क या रेल मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा नागपुर में है। नागपुर और भारत के अन्य प्रमुख हवाई अड्डों के बीच कई उड़ानें उपलब्ध हैं। भोपाल, जबलपुर से सीधे भी पहुंचा जा सकता है। नागपुर-भोपाल-जबलपुर पहुंचने के बाद, सड़क या रेल मार्ग से छिंदवाड़ा पहुंचा जा सकता है।

    छिंदवाड़ा से नागपुर (दूरी 125 किलोमीटर), जबलपुर (दूरी 215 किलोमीटर) या भोपाल (दूरी 286 किलोमीटर) से सड़क मार्ग से जाया जा सकता है। छिंदवाड़ा शहर को जोड़ने वाले इन शहरों से टैक्सियां और बसें भी आसानी से उपलब्ध हैं।