'साहब! मेरा पति बांग्लादेशी महिला संग...', दुखियारी महिला ने कलेक्टर से लगाई गुहार
भोपाल में जनसुनवाई के दौरान एक महिला ने शिकायत की कि उसका पति उसे छोड़कर बांग्लादेशी महिला के साथ रह रहा है और ससुराल वालों ने उसे पीटा। एक अन्य महिला ने पति द्वारा पेंशन रोके जाने की शिकायत की। कुल 135 आवेदकों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की।

कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान अधिकारियों ने सुनीं लोगों की समस्याएं।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। साहब! मेरे पति मुझे छोड़ बांग्लादेशी महिला के साथ रह रहे हैं और मुझे ससुराल से मारपीट कर भगा दिया गया है। जब इसकी शिकायत नरसिंहगढ़ पुलिस थाने में दर्ज करवाई तो कोई कार्रवाई नहीं की है। यह दावा करते हुए एक पीड़ित पत्नी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में शिकायत दर्ज करवाई है, जिसकी जांच एडीएम ने राजगढ़ एसपी को सौंपी है।
कलेक्टर जनसुनवाई में संत हिरदाराम नगर में रहने वाली एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी ससुराल राजगढ़ जिले के देवगढ़ के पास है। पति ने मुझे मारपीट कर घर से निकाल दिया है, वह मुझे अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं। पति किसी बांग्लादेशी महिला के साथ रह रहे हैं। उस महिला का कोई पता ठिकाना नहीं है। जब अपनी ससुराल गई तो मेरे साथ मारपीट की गई। जसकी सूचना नरसिंहगढ़ थाने में दी गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। महिला ने पति व अज्ञात महिला पर कार्रवाई करने की मांग की है।
मनमाना ब्याज लगाकर हड़पना चाह रहे मकान
इंडस रेजेंसी नवीबाग निवासी छाया सिकरवार ने शिकायत की है कि उनके पति संजय सिंह सिकरवार सेना से रिटायर्ड हैं और चार साल पहले बिना बताए चले गए हैं। उन्होंने नवीबाग में 42 लाख रुपये कीमत का मकान खरीदा था, जिसमें 21 लाख रुपये नकद व 21 लाख रुपये का लोन वर्ष 2018 में एसबीआइ शाखा मिसरोद रोड से पेंशन पर लिया था। मकान की रजिस्ट्री पति के नाम से हैं, पति की पेंशन से अब तक 11 लाख 62 हजार रुपये जमा किया जा चुका है। पति के जीवित होने का प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया तो बैंक ने पेंशन रोक दी है। इस वजह से अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है। मामले की जांच एसडीएम भोपाल को सौंपी गई है।
शराबी पति नहीं लौटा रहा बेटी
कृषक कालोनी की रहने वाली महिला ने शिकायत दर्ज करवाई है कि उसका पति शराब पीकर आए दिन मारपीट करता है। ऐसे में उनके साथ रहना मुश्किल हो गया है। पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में पति ने मेरी तीन साल की बेटी को अपने साथ रख लिया है, जिसकी देखभाल ठीक से नहीं हो पा रही है। इससे पति से मेरी बेटी वापस दिलवाई जाए, मुझे मारने की धमकी दी जा रही है।
वहीं, जनसुनवाई में पहुंचे दंगा पीड़ित कालूराम ने आवेदन देते हुए आर्थिक सहायता की मांग की, लेकिन नहीं मिलने पर वह भड़क गए और अधिकारियों को धमकी तक दे डाली है। हालांकि बाद में उनका आवेदन लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है।
जनसुनवाई में करीब 135 आवेदकों ने अधिकारियों को अपनी समस्या बताते हुए न्याय मांगा है। इस पर एडीएम सुमित पांडे, अंकुर मेश्राम ने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।

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