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    IAS बनने के लिए घर से भागी युवती को हाईकोर्ट का साथ – कहा, पढ़ाई का माहौल न मिला तो बाहर कराएंगे इंतजाम

    By Prashant VyasEdited By: Ravindra Soni
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 10:24 PM (IST)

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक युवती की मदद की है, जो IAS बनना चाहती है। पिता के विरोध के बावजूद, अदालत ने उसे पढ़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया है। यदि घर में पढ़ाई का माहौल नहीं मिलता, तो प्रशासन बाहर व्यवस्था करेगा। युवती ने पिता पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है और घर छोड़कर इंदौर में नौकरी और कोचिंग कर रही थी। 

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    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक साहसी युवती को बड़ा सहारा दिया है, जो अपने पिता के विरोध के बावजूद आगे पढ़ाई कर IAS बनने का सपना देख रही है। अदालत ने आश्वासन दिया है कि यदि उसे घर में पढ़ाई का माहौल नहीं मिलता, तो प्रशासन उसकी पढ़ाई की व्यवस्था बाहर कराएगा। यह आश्वासन कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

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    मामला भोपाल के बजरिया इलाके का है, जहां की एक साढ़े 17 वर्षीय लड़की जनवरी 2025 में घर छोड़कर इंदौर चली गई थी। उसका कहना है कि उसके पिता पढ़ाई जारी रखने नहीं दे रहे थे और शादी का दबाव बना रहे थे। इसके लिए उसे कथित रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। इससे परेशान हो वह घर छोड़कर इंदौर चली गई थी। उसने इंदौर में एक निजी कंपनी में नौकरी का अपना खर्च निकाला और वहीं सिविल सर्विस की तैयारी के लिए कोचिंग करने लगी थी।

    पिता ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

    परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन महीनों उसका कोई सुराग नहीं मिला। इस पर पिता ने जबलपुर हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई में पुलिस को युवती का पता लगाने के निर्देश दिए। पुलिस ने इंदौर से उसे 10 माह बाद बरामद किया तो पता लगा कि वह किराए पर रहते हुए एक निजी कंपनी में नौकरी कर रही है और एक कोचिंग में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटी है।

    पुलिस को ऐसे मिला सुराग

    भोपाल के बजरिया थाना प्रभारी शिल्पा कौरव ने बताया कि इंदौर में रहने के दौरान कुछ माह पहले युवती 18 वर्ष की हुई और पिछले महीने उसने अपने आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट करवाया तो वहीं से पुलिस को उसकी लोकेशन पता चली। पुलिस टीम युवती को इंदौर से भोपाल लाई।

    परिवार के पास जाने से इंकार

    उसके घर से गायब होने के बाद उसका पिता अपने अन्य तीन बच्चों की भी पढ़ाई छुड़वाकर पत्नी के साथ वापस बिहार में अपने गांव चला गया था।जब उसे अपने परिवार से मिलाने की कोशिश की गई, तो उसने साफ इन्कार कर दिया। उसने पुलिस को बताया कि वह IAS अधिकारी बनना चाहती है। उसने स्कूल में ही पढ़ाई के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।।

    चार-पांच दिन अभिवावक के पास रहे

    बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने गत पांच नवंबर को युवती को जबलपुर उच्च न्यायालय में पेश किया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमर्ति अतुल श्रीधरन की पीठ के सामने युवती ने पिता के साथ नहीं भेजने की गुहार लगाई। जबकि पिता ने उसे फिर से प्रताड़ित नहीं करने का आश्वासन देकर घर भेजने का आग्रह किया।

    उसके बाद न्यायालय ने कहा कि वह चार-पांच दिनों तक अभिभावक के साथ रहकर देखे। अगर माहौल बेहतर लगे तो ठीक नहीं तो कलेक्टर को आदेश देंगे कि वह बाहर रहने और पढ़ाई की समुचित व्यवस्था कराएं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को तय की है, जिसमें युवती के भविष्य को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।