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    MP News: परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ पत्नी के साथ दुबई में, जांच एजेंसियां कसेंगी शिकंजा; जांच तेज

    Updated: Sat, 21 Dec 2024 10:48 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा की अकूत कमाई और उसके निवेश को लेकर जांच एजेंसियों को लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं। भोपाल ...और पढ़ें

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    मध्य प्रदेश में सौरभ शर्मा की अकूत कमाई को लेकर जांच तेज, डायरी मिली (फोटो- जेएनएन)

     जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा की अकूत कमाई और उसके निवेश को लेकर जांच एजेंसियों को लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं। भोपाल के मेंडोरी गांव में सुनसान जगह पर कार में 54 किलो सोना और करोड़ों रुपये की बरामदगी के साथ ही अब आयकर विभाग और लोकायुक्त की जांच का दायरा और बढ़ गया है।

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    कार्यालय और घर में नोट गिनने की सात मशीनें भी मिली

    जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा द्वारा दुबई में निवेश करने और इसके लिए वहां पैसा शिफ्ट किए जाने की आशंका जताई है। सौरभ के स्वजन ने बताया है कि वह अभी पत्नी के साथ उसका जन्मदिन मनाने के लिए दुबई गया है। उस पर शिकंजा सकते हुए जांच एजेंसियां पूछताछ के लिए हर कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं, सौरभ की अकूत संपत्ति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके कार्यालय और घर में नोट गिनने की सात मशीनें भी मिली हैं।

    इससे साफ है कि उसके पास बहुत ज्यादा पैसा आ रहा था। वह भोपाल में ही शाहपुरा बी सेक्टर में एक बड़ा स्कूल भी बना रहा था। स्कूल की जमीन के डायवर्जन को लेकर आसपास रहने वाले वर्तमान व सेवानिवृत अधिकारियों से विवाद भी हुआ था।

    इनोवा के मालिक चेतन गौर से पूछताछ की

    वहीं कार में सोना और नकदी बरामदगी के मामले में आयकर विभाग ने शनिवार को इनोवा के मालिक चेतन गौर से पूछताछ की। इस मामले में विभाग सौरभ शर्मा से भी जल्द ही पूछताछ करेगा। चेतन सौरभ का वाहन चालक और करीबी है। विभाग को यह भी पता चला है कि चेतन के नाम से एक पेट्रोल पंप और राजगढ़ में मछली पालन का ठेका भी है। हालांकि, इनका वास्तविक मालिक सौरभ को ही बताया जा रहा है।

    सौरभ चेतन को मोहरे की तरह उपयोग कर रहा था। परिवहन विभाग में आरक्षक सौरभ शर्मा की काली कमाई बढ़ने का सिलसिला वर्ष 2018 में कांग्रेस शासन काल में शुरू हुआ था, जोकि सरकार बदलने के बाद भी जारी रहा। बताया जाता है प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से छह परिवहन चौकियों का ठेका उसके पास इस वर्ष जून 24 तक था।

    कार्यालय से कुछ डायरियां भी मिली हैं

    लोकायुक्त पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके घर व कार्यालय से कुछ डायरियां भी मिली हैं, जिनकी जांच की जा रही है। भ्रष्टाचार की कमाई से सौरभ शर्मा ने बनाई थी अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनीसौरभ शर्मा ने भ्रष्टाचार की काली कमाई को सफेद करने के लिए अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। जिस चेतन सिंह गौर को सौरभ का महज ड्राइवर समझा जा रहा था, उसके साथ शरद जायसवाल और रोहित तिवारी इस कंपनी में डॉयरेक्टर हैं।

    कुछ दिन एक कार से मिला था अकूत धन

    शरद सौरभ का साझीदार है और दोनों की मुलाकात एक पूर्व मंत्री ने कराई थी। 22 नवंबर 2021 को शुरू की गई यह कंपनी मिनिस्ट्री आफ कार्पोरेट अफेयर्स के ग्वालियर स्थित दफ्तर से पंजीकृत हुई थी। कंपनी भोपाल के अरेरा कालोनी ई-7 के पते पर रजिस्टर्ड कराई गई। यहीं, लोकायुक्त पुलिस की टीम ने दो दिन पहले छापा मारकर करोड़ों रुपये और सोना-चांदी बरामद किया।