पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का छलका दर्द, कहा- सरकार मैं बनाती हूं, चलाता कोई और है
भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का सीएम की कुर्सी छोड़ने का दर्द फिर छलक उठा है। छतरपुर में आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम के दौरान उमा भारती ने कहा कि मैं सरकार बनाती हूं फिर सरकार चलाता कोई और है।
छतरपुर, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के सीएम की कुर्सी छोड़ने का दर्द एक बार फिर छलक उठा है। छतरपुर में आयोजित नागरिक स्वागत कार्यक्रम के दौरान उमा भारती ने कहा कि मैं सरकार बनाती हूं, फिर कोई और सरकार चलाता है। उनका यह बयान एक बार फिर मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि जब ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना की आधारशिला रखी गई थी, तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। इसलिए न तो कांग्रेस ने उनका नाम लिया और न ही भाजपा ने। अब अगर केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी तो उन्हें प्रोटोकॉल के तहत मंच पर जगह भी नहीं मिलेगी, क्योंकि वह न तो सांसद हैं और न ही विधायक हैं। उमा भारती ने भी केन बेतवा लिंक परियोजना की सराहना की और कहा कि इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र से लोगों का पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना से क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या का समाधान होगा, तब रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे रोजगार के लिए युवाओं का पलायन भी रुकेगा। केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत सरकार केन और बेतवा नदियों को जोड़ने के काम में लगी हुई है। उमा भारती ने इस दौरान 2024 में चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए हैं, उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से कभी भी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान नहीं किया गया। उन्होंने सिर्फ 2019 का चुनाव नहीं लड़ने को कहा था। जब उनसे पूछा गया कि वह 2024 में चुनाव कहां से लड़ेंगी, तो उन्होंने इस सवाल से परहेज किया।
उमा भारती को क्यों छोड़नी पड़ी सीएम की कुर्सी
यहां बता दें कि उमा भारती को एक साल के अंदर ही मध्य प्रदेश की सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी और उसके बाद उमा भारती को दोबारा सीएम बनने का मौका नहीं मिला। दरअसल, 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उमा भारती के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ा था। इसका असर भी दिखने लगा और भाजपा ने दिग्विजय सिंह की सरकार को उखाड़ फेंका और दो-तिहाई सीटों पर कब्जा कर लिया। उमा भारती सीएम बनीं, लेकिन एक साल बाद ही कर्नाटक में एक पुराने मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। इसकी वजह से उमा भारती को राजनीतिक दबाव के चलते सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी। अब एक बार फिर उमा भारती का ये दर्द छलक उठा है।
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