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Umaria: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर में बाघ से लड़ते समय मादा तेंदुएं की हुई मौत, नहीं मिला शव

शनिवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर में एक और मादा तेंदुए की मौत हो गई है। हमेशा की तरह यही बताया जा रहा है कि मादा तेंदुए की जान बाघ से लड़ते वक्त गई। 21 नवंबर के दिन इसी तेंदुएं के दो बच्चों की मौत हो गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Sat, 26 Nov 2022 05:36 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 05:36 PM (IST)
Umaria: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर में बाघ से लड़ते समय मादा तेंदुएं की हुई मौत, नहीं मिला शव
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर में बाघ से लड़ते समय मादा तेंदुएं की हुई मौत

भोपाल, जागरण डिजिटल डेस्क : शनिवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा कोर में एक और मादा

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तेंदुए की मौत हो गई है। हमेशा की तरह यही बताया जा रहा है कि मादा तेंदुए की जान बाघ से लड़ते वक्त गई। बता दें कि इसी हफ्ते 21 नवंबर के दिन इसी मादा तेंदुएं के दो बच्चों की भी मौत हो गई थी। मादा तेंदुएं की मौत मादा बाघ से लड़ते वक्त हुई है।

रीढ़ की हड्डियां टूट गई थी तेंदुए की 

इस बीच शनिवार को एक और तेंदुए का शव जंगल में मिला। चंसुरा के पास शव मिलने के बाद वन विभाग के लोग एक्टिव हो गए और सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पनपथा कोर में मिले मादा शव मिलने पर लोगों ने सोचा की यह उन्ही दो बच्चों की मां है। बाद में पता चला कि उन दो बच्चो की मां कोई और मादा तेंदुआ है। बताया जा रहा है कि जिस मादा तेंदुए का बाघ से संघर्ष हुआ था उस तेंदुएं की रीढ़ की हड्डियाँ टूट गई थी। उसके शरीर में कई जगहों पर चोटें आई थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। मादा तेंदुएं का बहुत सारा खून भी बहा था, यही कारण था कि उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। संघर्ष क काफी समय बाद वन विभाग के अधिकारीयों को जानकारी नहीं मिल पाई थी, जिससे उसका सही वक्त पर इलाज कराया जा सके। जंगलों में गश्त न होने के कारण वन अधिकारीयों को किसी भी घटना की जानकारी नहीं मिल पा रही है। ।।।।।

भूख और प्यास से हुई शावकों की मौत 

सोमवार 21 नवम्बर को बांधवगढ टाइगर रिजर्व में 21 नवम्बर को दो बच्चों की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार बच्चों की मौत भूख और प्यास के कारण हुई थी। पार्क प्रबंधक ने बताया कि एक बच्चे की मौत पहले ही हो गई थी जबकि दूसरा भूख से तड़प रहा था। उसको उपचार के लिए भी लेकर जाया गया लेकिन उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मादा तेंदुएं के दोनों बच्चे पनपथा बफर परिक्षेत्र के जंगल में मिले थे। यह बच्चे गश्त टीम को अनाथ अवस्था में मिले थे। एक की मौत हो चुकी थी वहीं दुसरे को टाइगर रिजर्व के कार्यालय लाकर इलाज के प्रयास शुरू किए गए लेकिन बाद में उसकी भी मौत हो गई, जिसके बाद बच्चों कि मां को ढूँढने के लिए डॉग स्कॉयड की मदद से घटनास्थल की जांच की थी। प्रबंधक जंगलों में और शवों को ढूढने का प्रयास कर रहे हैं।

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