'इंजीनियर्स एक प्रकार से भगवान हनुमान के समान', सीएम मोहन यादव बोले- एमपी में बनेगा इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभियंता का अर्थ है आरंभ और शुभारंभ कर्ता। ईश्वर सबसे बड़ा अभियंता है। ईश्वर ने संसार रचा है। सर मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया ने 20वीं शताब्दी में देश के कठिन समय में अभियांत्रिकी के नए कीर्तिमान गढ़े। महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने पहली बार दुनिया को बताया कि पौधों में प्राण होते हैं।

डिजिटल टीम, भोपाल। 'मध्यप्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। प्रदेश में इंजीनियरों को नई तकनीक और कार्यपद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे हमारी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। इंजीनियर्स एक प्रकार से भगवान हनुमान के समान हैं। देश के अभियंताओं ने चिनाब ब्रिज जैसे निर्माण कर हर अवसर पर अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है।' यह अहम घोषणा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 15 सितंबर को इंजीनियरिंग डे-2025 पर की। सीएम डॉ. यादव राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कंवेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने लोक निर्माण सर्वेक्षण ऐप, न्यूज लेटर और लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली का भी शुभारंभ किया। उन्होंने 7 इंजीनियरों को मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार और 4 ठेकेदारों को विश्वकर्मा पुस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभियंता का अर्थ है आरंभ और शुभारंभ कर्ता। ईश्वर सबसे बड़ा अभियंता है। ईश्वर ने संसार रचा है। सर मोक्षगुंडम विश्वैश्वरैया ने 20वीं शताब्दी में देश के कठिन समय में अभियांत्रिकी के नए कीर्तिमान गढ़े। महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने पहली बार दुनिया को बताया कि पौधों में प्राण होते हैं। लोक निर्माण विभाग में अच्छा कार्य करने वाले इंजीनियर्स आज पुरस्कृत हुए हैं। सभी का अभिनंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम गति शक्ति जैसे अनेक कार्यों से इंजीनियर्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जब हमारा अंतरिक्ष मिशन फेल हुआ तो वे वैज्ञानिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए। वैज्ञानिकों ने चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण काम किए। आज हमारी संसद के दोनों भवन मध्यप्रदेश की प्राचीन संरचनाओं से प्रेरित हैं।
लोक कल्याण के काम कर रहे सभी विभाग
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ने लोक कल्याण की शुरुआत की है। राज्य सरकार के सभी विभाग इसी भावना के साथ कार्य कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग ने लोकपथ ऐप लॉन्च किया है। कभी ताज महल बनाने पर कारीगरों के हाथ काट लिए जाते थे। आज अपनी तकनीकी नवाचारों के माध्यम से हम एक नहीं अनेक ताजमहल खड़े करने की क्षमता रखते हैं। भगवान विश्वकर्मा हमारे सबसे बड़े इंजीनियर हैं। उन्होंने पु्ष्पक विमान की रचना की। यह विमान श्रीराम और सीताजी को लंका से वापस लेकर आया। इंजीनियर्स एक प्रकार से भगवान हनुमान के समान हैं। देश के अभियंताओं ने चिनाब ब्रिज जैसे निर्माण कर हर अवसर पर अपनी उत्कृष्टता सिद्ध की है। इस मौके उन्होंने घोषणा की, कि मध्यप्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। प्रदेश में अभियंताओं को नवीन तकनीक और कार्यपद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे हमारी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी।
अधोसंरचना के क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख रहा एमपी
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश अधोसंरचना के क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास की धारा प्रभावित हुई है और मुख्यमंत्री डॉ. यादव इसे पूर्ण संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग सभी संबंधित विभाग और प्राधिकरण के साथ समन्वय के साथ कार्य कर रहा है। सर विश्वेश्वरैया की भावना के अनुरूप प्रदेश में लोक निर्माण से लोक कल्याण के कार्य हो रहे हैं। वे कहते थे कि इंजीनियर केवल पुल-पुलिया नहीं बनाते, बल्कि वे देश को नया आकार देते हैं। इंजीनियर्स की कल्पना से ही राष्ट्र के विकास की गाथा लिखी जा सकती है। चिनाब नदी पर बना ऐतिहासिक ब्रिज, मिजोरम तक रेल नेटवर्क पहुंचाने का श्रेय इंजीनियर्स को जाता है। हमें पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास कार्यों को गति देना है। प्रदेश में भू-जल संरचनाओं पर कार्य हो रहा है। अब तक प्रदेश में 500 लोक कल्याण सरोवर बन चुके हैं। आजादी के बाद पहली बार लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर्स को पुरस्कृत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज 7 इंजीनियर को मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार और 4 ठेकेदारों को विश्वकर्मा पुस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। एक अच्छा इंजीनियर केवल ज्ञान से नहीं, अच्छी वर्कमैनशिप से बनता है। प्रदेश में इंजीनियर्स को नई तकनीकों के अनुसार प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में इंजीनियर्स रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट प्रारंभ करने की कल्पना की गई है। यहां प्रदेश के साथ देशभर के इंजीनियर्स को प्रशिक्षण मिलेगा। लोक निर्माण विभाग ने लोकपथ ऐप जैसे अनेकों नवाचार किए हैं। आज लोक निर्माण प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ किया जा रहा है। इससे गुणवत्ता के साथ पार्दशिता आएगी। रोड ट्रैकिंग ऐप का भी लोकार्पण होगा। उन्होंने कहा कि इससे हर सड़क का पूरा डेटा इंजीनियर्स के पास होगा। साथ ही आज लोक निर्माण विभाग के मंथली न्यूज लेटर की भी शुरुआत हो रही है। अगले दो से तीन महीने में एक विशेष ऐप भी आएगा, जो कार्य पूर्ण होने की समय सीमा का आंकलन करेगा। पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से पुलों के डिजाइन निर्माण में मदद मिलेगी। पीएम गति शक्ति पोर्टल पर विभाग की सभी संपत्तियों की जानकारी उपलब्ध होगी।
भारत के विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका
प्रसिद्ध इंजीनियर-लेखक प्रशांत पॉल ने कहा कि आज से 2 हजार साल पहले विश्व की जीडीपी की एक तिहाई भारत की थी। इसमें हमारे इंजीनियर्स की अहम भूमिका की थी। विश्व का सबसे बड़ा धर्मस्थल कम्बोडिया का हिंदु मंदिर है। बीजिंग की टाउन प्लानिंग एक हिंदु व्यक्ति ने की है। इंजीनियर्स ने देश में बड़े-बड़े स्टेडियम का निर्माण किया। आज देश में अनेक ऐसी संरचनाएं मौजूद हैं, जो इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। अनाईकट्टू भारत का पहला बांघ है, जो चोल शासनकाल में हमारे इंजीनियरों ने बनाया था। हजारों वर्ष पहले इंजीनियरों ने टेक्सटाइल डिजाइनिंग के लिए मशीनों का निर्माण किया। नए मध्यप्रदेश के निर्माण में इंजीनियरों की भूमिका काफी अहम होगी। पॉल ने कहा कि उज्जैन के वराहमिहिर ने खगोलशास्त्र की कई गणनाएं कीं। उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर ईरान के शासक ने उन्हें वैधशाला स्थापित करने के लिए बुलाया था। यह देश का दुर्भाग्य है कि भारत में वराहमिहिर के कार्यों को अधिकांश लोग आज नहीं जानते हैं। 11वीं शताब्दी में राजा भोज ने हाइड्रोलिक पावर और यांत्रिकी के डिजाइन तैयार कराए थे। उसके 100 साल बाद यूरोप में यांत्रिकी पर कार्य प्रारंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लोक निर्माण को लोक कल्याण से जोड़ा जा रहा है।
इन्हें मिला सम्मान
सुनील कौरव, प्रीति यादव, प्रमेश कोरी, संजीव कालरा, भुवना जोशी, राजीव श्रीवास्तव, दीपक शर्मा और विक्रम सोनी को मोक्षगुंडम विश्वैशरैया पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विश्वकर्मा पुरस्कार हैदराबाद की फर्म मेसर्स एनसीसी लिमिटेड, भोपाल की फर्म मेसर्स निविक कंस्ट्रक्शन, गुरुग्राम की फर्म मेसर्स आरके जैन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. और नौगांव की फर्म मेसर्स हरगोविंग गुप्ता को विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एमपीआरडीसी भोपाल के सहायक महाप्रबंधन डॉ. दीपक पांडे को रानी दुर्गावती पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार प्रदान किया गया।
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