विदिशा में 30000 रुपये रिश्वत लेते उपयंत्री गिरफ्तार, विवादों से है पुराना नाता, तबादला हुआ लेकिन फिर जमा लिया रंग
लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने विदिशा के गंजबासौदा में लटेरी जनपद पंचायत के उपयंत्री रामगोपाल यादव को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। उन्होंन ...और पढ़ें

लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में आरोपी उपयंत्री।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। लोकायुक्त पुलिस, भोपाल की टीम ने विदिशा के गंजबासौदा स्थित एक कालोनी से लटेरी जनपद पंचायत के उपयंत्री रामगोपाल यादव को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित ने ग्राम पंचायत धीरगढ़ के पंचायत सचिव कन्हैयालाल शर्मा और लाखन सिंह लोधी से सड़क निर्माण का मूल्यांकन करने के लिए 40 हजार रुपये मांगे थे। सरपंच – सचिव की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने यह कार्रवाई की।
लोकायुक्त डीएसपी अजय मिश्रा ने बताया कि चार दिन पहले ग्राम पंचायत धीरगढ़ के निलंबित पंचायत सचिव कन्हैयालाल शर्मा और लाखन सिंह लोधी ने एसपी लोकायुक्त दुर्गेश राठौर से शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि ग्राम पंचायत धीरगढ़ में एक माह पूर्व बनाई गई खड़ंजा सड़क के मूल्यांकन के बदले उपयंत्री द्वारा 40 हजार रुपये की मांग की जा रही है। इसके बाद एसपी राठौर ने टीम गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
मिश्रा ने बताया कि आरोपित उपयंत्री रामगोपाल यादव ने सरपंच और सचिव को रिश्वत लेने के लिए गंज बासौदा में ड्रीम सिटी कालोनी में किराए के मकान में बुलवाया था। शाम करीब पांच बजे सरपंच और सचिव 30 हजार रुपये लेकर उपयंत्री यादव के घर पहुंचे। जैसे ही उप यंत्री ने यह राशि ली, वैसे ही लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे धरदबोचा।
मिश्रा ने बताया कि आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। लोकायुक्त पुलिस की टीम में डीएसपी डा. आरके सिंह, प्रधान आरक्षक यशवंत ठाकुर, आरक्षक चैतन्य प्रताप सिंह, आरक्षक मनमोहन साहू और चालक अमित विश्वकर्मा शामिल रहे।
पैसा नहीं देने पर काम अधूरा लिखने की धमकी
ग्राम पंचायत धीरगढ़ के सरपंच लाखन सिंह लोधी ने बताया कि एक माह पहले उन्होंने चार लाख रूपये की लागत से सौ फीट लंबी खड़ंजा सड़क का निर्माण किया था। अब इस सड़क का मूल्यांकन होना था। जब उप यंत्री यादव सड़क का मूल्यांकन करने पहुंचे तो उन्होंने दस फीसद कमीशन के रूप में 40 हजार रुपये देने की मांग की। वे 25 हजार रुपये देने को तैयार भी हो गए थे लेकिन उप यंत्री का कहना था कि 40 हजार से एक रुपये भी कम नहीं लूंगा और कमीशन नहीं दिया तो सड़क निर्माण के काम को अधूरा बताकर रिकवरी निकलवा दूंगा।
हमेशा विवादों में रहे उपयंत्री यादव
लटेरी जनपद पंचायत के सूत्रों के अनुसार उप यंत्री यादव हमेशा से ही विवादों में रहे है। वे करीब आठ माह पहले ही लटेरी में पदस्थ हुए थे। एक साल पहले भी वे लटेरी में ही पदस्थ थे, लेकिन उनकी कमीशनबाजी की शिकायत के चलते क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर उनका तबादला गंज बासौदा कर दिया था लेकिन वे जिला स्तर पर अधिकारियों से सेटिंग बिठाकर पुनः लटेरी में पदस्थ हो गया।
सूत्रों का कहना है कि यादव जिला स्तर पर कुछ अधिकारियों का करीबी है और इसी के चलते उसे हर पंचायत की जांच में रखा जाता रहा है। इन जांचों में भी संबंधित सरपंच सचिवों से उनके द्वारा रुपयों की मांग की शिकायतें मिलती रही है। यादव की रिपोर्ट पर ही ग्राम पंचायत तिलोनी में निर्माण कार्यों की जांच के बाद प्रभारी पंचायत सचिव कन्हैयालाल शर्मा को वरिष्ठ अधिकारियों ने निलंबित किया था। इस मामले में भी यादव पर पांच लाख रुपए मांगने का आरोप है।

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