भोपाल में सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर को Digital Arrest कर 68 लाख रुपये ठगे, फर्जी पुलिस बनकर किया था कॉल
भोपाल में साइबर अपराधियों ने सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर दयाराम देशमुख को 'डिजिटल अरेस्ट' कर 68 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने पुलिस अधिकारी बनकर धमकाया और 4 करोड़ के घोटाले में फंसाने की धमकी दी। सुरक्षा राशि के नाम पर पैसे ट्रांसफर करवाए। बेटे को पता चलने पर साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई, पुलिस जांच कर रही है।

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी में साइबर अपराधियों ने 'डिजिटल अरेस्ट' के हथकंडे का इस्तेमाल कर 65 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर दयाराम देशमुख से 68 लाख रुपये ठग लिए। शाहपुरा क्षेत्र में रहने वाले दयाराम को ठगों ने वीडियो कॉल पर खुद को भोपाल पुलिस अधिकारी बताकर धमकाया और उन्हें एक कथित 4 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले का आरोपी बताते हुए धमकाया। मामला सामने आने के बाद स्टेट साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
ऐसे की धोखाधड़ी
सोमवार को दयाराम देशमुख को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने दावा किया कि देशमुख के बैंक कार्यकाल के दौरान हुए एक 4 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में उनका नाम सामने आया है। आरोपियों ने उन्हें तत्काल गिरफ्तारी और यहां तक कि उनकी बेटी की जान को खतरा होने की धमकी दी। डरे-सहमे दयाराम ने यह बात अपनी पत्नी को बताई।
बाद में आरोपियों ने जांच में सहयोग का भरोसा दिलाया और उन्हें एक कमरे में "डिजिटल अरेस्ट" रखा। इसके बाद उनके मोबाइल में सिग्नल ऐप डाउनलोड कराया गया और वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे पूछताछ की गई। आरोपियों ने खुद को पुलिस की वर्दी में दिखाया, जिससे उन्हें पूरा मामला असली लगा।
सुरक्षा राशि नाम पर की ठगी
ठगों ने उनसे कहा कि यदि वह जांच में सहयोग करेंगे और सुरक्षा राशि जमा कर देंगे तो वह जेल जाने से बच सकते हैं। इसके बाद मंगलवार को दयाराम और उनकी पत्नी बैंक पहुंचे और पांच अलग-अलग एफडी से करीब 68 लाख रुपये निकालकर आरोपियों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उन्हें चेतावनी दी कि जांच पूरी होने तक किसी को इसकी जानकारी न दें।
बेटे को पता चला तो कराई रिपोर्ट
जब उनके बेटे पियूष देशमुख को इस पूरी घटना की भनक लगी, तो उन्होंने माता-पिता से विस्तार से पूछताछ की और सारा मामला समझा। इसके बाद वे उन्हें लेकर स्टेट साइबर पुलिस पहुंचे, जहां गुरुवार को आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई गई। साइबर पुलिस कॉल रिकॉर्ड, बैंक खातों और ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है।

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