MP News: 'तुम पहलगाम आतंकी हमले में शामिल..' कहकर वरिष्ठ अधिवक्ता को धमकाया, मांगे 10 लाख रुपये
भोपाल में एक साइबर ठग ने 75 वर्षीय अधिवक्ता शमसुल हसन को एटीएस इंस्पेक्टर बनकर फोन किया और पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया। ठग ने 10 लाख रुपये की मांग की और डिजिटल अरेस्ट की धमकी दी। अधिवक्ता की पत्नी की सतर्कता और बेटे की सूचना पर पुलिस ने उन्हें ठगी का शिकार होने से बचा लिया।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र की राजधानी भोपाल के कोहेफिजा क्षेत्र में रहने वाले 75 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता शमसुल हसन को एक साइबर ठग ने पुणे एटीएस इंस्पेक्टर बनकर फोन किया और उन्हें पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर 10 लाख रुपये की मांग की। चार घंटे तक चले इस डिजिटल ठगी के प्रयास में अधिवक्ता को डिजिटल अरेस्ट कर की धमकी दी गई, लेकिन पत्नी की सतर्कता और बेटे की त्वरित सूचना से पुलिस ने उन्हें ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
ऐसे चला घटनाक्रम
रविवार दोपहर करीब 1:45 बजे अधिवक्ता शमसुल हसन के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुणे के आतंक निरोधक दस्ते (एटीएस) का इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में उनकी संलिप्तता पाई गई है। ठग ने उन्हें कमरे में बंद रहने और किसी से संपर्क न करने का निर्देश दिया तथा मामला रफा-दफा करने के लिए 10 लाख रुपये की डिमांड रखी।
15-20 बार कॉल आए
इसके बाद कॉल करने वाले ने धमकी दी कि मामला गंभीर है और इसे सुलझाने के लिए एटीएस के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करनी होगी। इस बीच, चार घंटे में लगातार 15 से 20 धमकी भरे कॉल आए, जिससे अधिवक्ता मानसिक रूप से परेशान हो गए।
पत्नी की समझदारी से बचे
अधिवक्ता की असामान्य स्थिति देखकर उनकी पत्नी को शक हुआ। जब उन्होंने बार-बार पूछताछ की तो अधिवक्ता ने फोन कॉल्स की जानकारी दी। इसके बाद पत्नी ने छोटे बेटे जिया उल हसन को घर बुलाया, जिसने तुरंत कोहेफिजा थाने को सूचना दी।
तुरंत सक्रिय हुई पुलिस
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और अधिवक्ता को ठगों के प्रभाव से मुक्त कराया। डीसीपी अभिनव चौकसे ने बताया कि पीड़ित की काउंसलिंग की गई है और उन्हें भविष्य में इस तरह के कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करने की सलाह दी गई है।
टीआई केजी शुक्ला ने बताया कि यह साइबर ठगी का प्रयास था, जिसमें अपराधी वरिष्ठ नागरिकों को डराकर धन ऐंठने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ऐसे किसी भी कॉल या धमकी पर भरोसा न करें, तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
केजी शुक्ला, थाना प्रभारी, कोहेफिजा

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