मुख्यमंत्री मोहन अपने बेटे की शादी के साथ 21 कन्याओं का कराएंगे सामूहिक विवाह, उज्जैन में शिप्रा किनारे सजेंगे मंडप
मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन में अपने बेटे के विवाह के साथ 21 अन्य कन्याओं का सामूहिक विवाह करवाएंगे। यह आयोजन शिप्रा नदी के किनारे होगा। इस विवाह समारोह में सामाजिक समावेशिता को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें विभिन्न वर्गों के जोड़े शामिल होंगे। यादव परिवार प्रत्येक नवदंपती को गृहस्थी का सामान उपहार में देगा। यह सामूहिक विवाह सामाजिक संवेदनशीलता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन में अपने पुत्र डॉ. अभिमन्यु के विवाह के साथ 21 अन्य कन्याओं का परिणय संस्कार भी संपन्न करवाएंगे। आयोजन शिप्रा किनारे वाकणकर ब्रिज के समीप 30 नवंबर को होगा। मुख्यमंत्री परिवार के सदस्य नंदलाल यादव, नारायण यादव और कलावती यादव (नगर निगम की अध्यक्ष) ने बताया कि विवाह को सामाजिक उत्सव का रूप देने का निर्णय इस सोच के साथ लिया गया है कि व्यक्तिगत खुशी को समाज के साथ साझा किया जाए। कन्याओं के विवाह का पूरा खर्च मुख्यमंत्री परिवार ही वहन करेगा।
समारोह में सामाजिक समावेशिता को भी प्राथमिकता दी गई है। 21 वधुओं में 14 अन्य पिछड़ा वर्ग, चार सामान्य वर्ग, पांच अनुसूचित जाति और एक अनुसूचित जनजाति से होंगी। वहीं 21 वरों में 12 अन्य पिछड़ा वर्ग, छह सामान्य और छह अनुसूचित जाति वर्ग के युवा शामिल रहेंगे। सभी परिवार विवाह के पूर्व की रस्में अपने घरों में संपन्न कर समारोह स्थल पर पहुंचेंगे।
इम्पीरियल चौराहा से निकलेगी सामूहिक बरात
विवाह समारोह की शुरुआत 30 नवंबर को सुबह 8 बजे इम्पीरियल चौराहा से सामूहिक बरात के प्रस्थान के साथ होगी। बरात शिप्रा तट पर स्थित डा. वाकणकर ब्रिज के समीप बने विशाल विवाह स्थल पर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में मुख्य मंच पर वरमाला समारोह होगा। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के मध्य पाणिग्रहण, सप्तपदी और अन्य वैदिक रस्में 22 विशेष रूप से निर्मित मंडपों में एक साथ होंगी।
नवदंपतियों को भेंट करेंगे उपहार सामग्री
यादव परिवार प्रत्येक नवदंपती को उपहार में सोने का मंगलसूत्र, चांदी की पायजेब-बिछिया, मोटरसाइकिल, पलंग, सोफा, गद्दे, अलमारी, बेडशीट, 21 बर्तनों का सेट, डिनर सेट, वर-वधु के वस्त्र सहित संपूर्ण गृहस्थी सामग्री भेंट करेगा। आगंतुकों से कोई उपहार न लाने का आग्रह किया गया है। यह सामूहिक विवाह न केवल मुख्यमंत्री परिवार की सामाजिक संवेदनशीलता का प्रतीक होगा, बल्कि प्रदेश में समभाव, सद्भाव और जनकल्याण की दिशा में नई प्रेरणा भी स्थापित करेगा।

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