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    MP में चीतों का नया ठिकाना तैयार, रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनेगा देश का तीसरा चीता हब, 2026 में आएंगे अफ्रीकी चीते

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 04:55 PM (IST)

    मध्य प्रदेश का रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व चीतों का तीसरा घर बनने को तैयार है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने बजट जारी कर दिया है, जिससे क्वारंटाइन बाड़ा और फेंसिंग का निर्माण हो रहा है। विशेषज्ञों ने सागर और दमोह के जंगलों को उपयुक्त बताया है। 2026 तक अफ्रीकी चीतों का नया दल यहां आ सकता है, जिसके लिए जल स्रोत और शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

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    रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में चीतों को बसाने की तैयारी है।

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में चीतों को बसाने की बड़ी परियोजना तेजी पकड़ चुकी है। रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व जल्द ही अफ्रीका से आने वाले चीतों का तीसरा घर बनने जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के चीता प्रोजेक्ट के तहत रिजर्व प्रबंधन को बजट मिल चुका है और यहां क्वारंटाइन बाड़ा, सॉफ्ट रिलीज एरिना और लगभग 20 किमी लंबी फेंसिंग तैयार की जा रही है।

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    तैयार हो रहा है आधुनिक चीता हब

    बजट जारी होने के बाद नौरादेही टाइगर रिजर्व में संरचनात्मक कार्यों में तेजी आ गई है।
    रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी ने बताया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) देहरादून की विशेषज्ञ टीम जल्द ही दोबारा निरीक्षण करेगी और उनके दिशा-निर्देश के बाद काम और तेज होगा।

    विशेषज्ञों ने अप्रैल–मई में किया था सर्वे

    WII की टीम ने अप्रैल–मई में रिजर्व का दौरा कर चीतों के संरक्षण से जुड़े सुझाव दिए थे।
    इनमें शामिल हैं -

    • चीतों की सुरक्षा व्यवस्था
    • पर्याप्त जल स्रोत
    • ग्रासलैंड का विकास
    • मानव–वन्यजीव द्वंद्व कम करने के उपाय

    इन्हीं सुझावों के आधार पर फेंसिंग व बाड़ा निर्माण किया जा रहा है।

    सागर–दमोह बॉर्डर का जंगल सबसे उपयुक्त

    विशेषज्ञों ने सागर जिले की मोहली और सिंगपुर रेंज तथा दमोह की झापन रेंज को चीतों के लिए बेहद उपयुक्त बताया है। करीब 600 वर्ग किमी क्षेत्र को चुना गया है, जहां मानव–वन्यजीव संघर्ष की आशंका को देखते हुए 20 किमी फेंसिंग बनाई जा रही है।

    अगले साल गर्मियों में आ सकते हैं चीते

    करीब 5 करोड़ रुपये का बजट जारी होने के बाद फेंसिंग और पांच बड़े बाड़ों का काम शुरू है।
    प्रबंधन का अनुमान है कि ये ढांचे तैयार होने के बाद साल 2026 की गर्मियों में अफ्रीकी चीतों का नया बैच नौरादेही पहुंच सकता है।

    जल स्रोत और शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाई जा रही

    रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में विशेषज्ञों की सलाह पर -

    • नए जल स्रोत तैयार हो रहे हैं।
    • ग्रासलैंड विकसित किए जा रहे हैं।
    • शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाने पर भी काम चल रहा है।
    • जिन इलाकों में विस्थापन कार्य जारी है, वहां तेजी से ग्रासलैंड विकसित किए जा रहे हैं ताकि चीतों को आदर्श प्राकृतिक आवास मिल सके।

    चीता प्रोजेक्ट के तहत पांच करोड़ का बजट मिला है। प्रोजेक्ट के तहत क्वारंटाइन बाड़ा बनाना है। उसकी तैयारी कर ली है। चार सॉफ्ट रिलीज बाड़ा भी बनेंगे। बाकी बाउंड्री लाइन की फेंसिंग करना है। जिस एरिया में पहले चरण में चीतों को रखा जाना है, वहां पर हम करीब 20 किमी की फेंसिंग कर रहे हैं।
    -डॉ. एए अंसारी, डिप्टी डायरेक्टर, रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर