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    Madhya Pradesh: डंपिंग यार्ड की जांच करना महिला SDM को पड़ा महंगा, अधिकारियों ने दे दिया ये आदेश

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 12:14 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। बता दें कि यहां जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सिहोरा तहसील के क्योलारी ग्राम के पास स्थित यूरो पैलेट्स डंपिंग यार्ड से आयरल उठाने के लिए SDM अर्चना कुमारी पहुंची हुई थी। लेकिन SDM को ये काम करना भारी पड़ गया है। अब SDM को तबादले का आदेश दे दिया गया है।

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    Madhya Pradesh: डंपिंग यार्ड की जांच करना महिला SDM को पड़ा महंगा

    ऑनलाइन डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। बता दें कि यहां जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर सिहोरा तहसील के क्योलारी ग्राम के पास स्थित यूरो पैलेट्स डंपिंग यार्ड से आयरल उठाने के लिए SDM अर्चना कुमारी पहुंची हुई थी। लेकिन SDM को ये काम करना भारी पड़ गया है।

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    बता दें कि SDM प्लांट की जांच करने के लिए पहुंची हुई थी लेकिन अब उन्हें तबादले का आदेश दे दिया गया है। SDM पर ये कार्रवाई महज 5 घंटों के अंदर की गई है। SDM को आदेश उनके मेल पर भेजा गया है। जिसे उन्होंने स्वयं अपने आफिशियल वाट्सअप ग्रुप पर पोस्ट करते हुए सहकर्मियों को तबादले की जानकारी दी थी।

    किन कारणों से हुआ SDM का तबादला?

    एसडीएम का तबादला किन कारणों से किया गया है अभी इस पर राजस्व और खनिज दोनों विभागों के अधिकारी चुप्पी साधे हैं। वहीं, सूत्रों के अनुसार, एसडीएम के तबादले के पीछे भाजपा के एक विधायक का हाथ होना बताया जा रहा है।

    विधायक ने एसडीएम को फोन कर यूरो पैलेट्स डंपिंग यार्ड में पोकलेन ले जाने की बात पर नाराजगी जताई और जब एसडीएम ने उन्हें हाइकोर्ट का आदेश बताया तो उन्होंने यह कहकर उन्हें जमकर फटकारा कि यह मामला यूरो पैलेट्स और महेंद्र गोयनका के बीच रहने दिया जाए, इसे प्रशासनिक तौर पर ना डील करें।

    मिली जानकारी के अनुसार, SDM अर्चना कुमारी 28 जनवरी को खनिज, राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया था। टीम का नेतृत्व एसडीएम स्वयं कर रही थीं। संयुक्त टीम के साथ गोसलपुर, धमतरी और रेलवे यार्ड की जांच करने पहुंची। इस दौरान उन्होंने गोसलपुर, धमतरी, गांधीग्राम और हरगढ़ की कुछ अन्य खदानों व प्लांट की भी जांच की थी।

    क्या है पूरा मामला?

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूरो पैलेट्स डंपिंग में रखी आयरल ओर के स्टाक पर महेंद्र गोयनका ने अपना दावा किया था। इस दावे पर हाईकोर्ट ने भी मोहर लगा दी थी, लेकिन जब महेंद्र गोयनका के कर्मचारी पोकलेन लेकर आयरन ओर उठाने पहुंचे तो यूरो पैलेट्स डंपिंग यार्ड के कर्मचारियों ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने गेट पर रेलवे के स्लीपर जमा दिए और नाली खोद दी। इस दौरान पोकलेन अंदर नहीं जा सकी।

    इसकी शिकायत कर्मचारियों ने सिहोरा एसडीओपी और एसडीएम से की। जिसकी जांच करने पुलिस और प्रशासन का जांच दल वहां पहुंचा था। इसकी जानकारी यूरो पैलेट्स डंपिंग यार्ड के कर्मचारियों ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक को दी।

    सूत्रों के मुताबिक विधायक ने एसडीएम के फोन पर बात की और उन्होंने इस मामले पर हस्ताक्षेप करने पर नाराजगी जताई। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान दोनों पक्षों में बहस भी हुई।

    रिलीव करने में कलेक्टर ने भी नहीं की देरी

    शनिवार शाम को एसडीएम का तबादला आदेश आते ही उन्हें रिलीव करने में प्रशासन जुट गया। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भी उन्हें रिलीव करने में कोई देरी नहीं की। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का हवाला देकर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी सिहोरा अर्चना कुमारी को उनकी नवीन पदस्थापना शुजालपुर के लिए भार मुक्त कर दिया।

    उन्हें वहां पर एसडीएम का ही प्रभार सौंपा, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को छुपाने के लिए भी प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ भी करने के लिए सीधे भोपाल से आदेश आए। इधर उनकी जगह पर कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर रूपेश सिंघई को अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक सिहोरा में एसडीएम के रूप में पदस्थ कर दिया।

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