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    भोपाल के 90 डिग्री वाले ब्रिज को लेकर CM मोहन यादव का बड़ा एक्शन, आठ इंजीनियर बर्खास्त; निर्माण एजेंसी ब्लैकलिस्ट

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 03:26 AM (IST)

    भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज को लेकर सीएम मोहन यादव ने कड़ा एक्शन लिया है। सीएम मोहन यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि गंभीर लापरवाही के चलते ब्रिज में शामिल आठ इंजीनियरों और निर्माण करने वाली एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी। सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।

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    भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज पर CM मोहन यादव का एक्शन (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, भोपाल। देशभर में शर्मिंदगी का कारण बने भोपाल के ऐशबाग में 90 डिग्री कोण वाले रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार देर रात पीडब्ल्यूडी के सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया। इसमें दो मुख्य अभियंता भी शामिल हैं। सेवानिवृत्त तत्कालीन अधीक्षण यंत्री एमपी सिंह भी दोषी पाए गए हैं। इन सभी के विरुद्ध विभागीय जांच होगी।

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    मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कार्रवाई की जानकारी साझा की

    वहीं, निर्माणकर्ता एजेंसी मेसर्स पुनीत चडढा और डिजाइन बनाने वाली सलाहकार एजेंसी मेसर्स डायनमिक कंसल्टेंट को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कार्रवाई की जानकारी साझा की।

    उन्होंने कहा कि आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही इसका लोकार्पण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि दोषी इंजीनियरों के विरुद्ध आरोप पत्र जारी करने के लिए समिति का गठन किया जा रहा है।

    वहीं, रेलवे से समन्वय बनाने के लिए भी समिति बनाई गई है, जो डिजाइन और सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाला काम देखेगी। सभी निलंबित इंजीनियरों का निलंबन अवधि में मुख्यालय प्रमुख अभियंता कार्यालय रहेगा।

    लोक निर्माण और रेलवे खेलते रहे कागज-कागज

    2022 से आरओबी के बनने तक लोक निर्माण विभाग और रेलवे कागज-कागज खेलते रहे, निरीक्षण करते रहे और अजूबा आरओबी भी बनता रहा। किसी को 90 डिग्री कोण नजर नहीं आया। जहां सर्कुलर (गोल) पियर बनना था, वहां दीवार जैसा पियर बना दिया गया।

    देशभर में जमकर आलोचना हुई

    कई बार पत्र लिखकर लोक निर्माण विभाग ने डिजाइन परिवर्तन की बात उठाई तो अप्रैल 2024 में रेलवे ने पत्र लिखकर आपत्ति जताई और कहा कि आलोचना होगी और इससे इंजीनियरों की छवि खराब होगी। देशभर में जमकर आलोचना हुई तो जांच कराकर रिपोर्ट तैयार करवा ली गई।

    45 डिग्री कोण पर हुई थी सहमति, फिर असहमति

    ब्रिज 2018 में स्वीकृत हुआ और 2022 में काम प्रारंभ हुआ। प्रारंभ में रेलवे और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया और 45 डिग्री कोण निर्धारित करते आरओबी पर सहमति हुई। पूरा निर्माण रेलवे की भूमि पर हो रहा था, इसलिए उसने असहमति जताई। निविदा प्रक्रिया रुक गई। सितंबर 2020 में रेलवे अधिकारियों के साथ संयुक्त भ्रमण कर नई डिजाइन से आरओबी निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया।

    इसमें मेट्रो रेल के डिजाइन को ध्यान में रखते हुए आपसी सहमति से सीमेंट कांक्रीट के सर्कुलर पियर के निर्माण को आधार मानकर डिजाइन तैयार की गई। मेट्रो रेल से अनापत्ति भी ली गई। परियोजना के क्रियान्वयन के पहले रेलवे को विसंगतिपूर्ण डिजाइन के कारण अप्रैल और मई 2023 में पत्र लिखा गया, लेकिन उसने कोई परिवर्तन नहीं किया।