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    MP News: प्राइवेट कॉलेज के मालिक से मांगी थी रिश्वत, लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार

    By Agency Edited By: Babli Kumari
    Updated: Tue, 06 Feb 2024 11:21 AM (IST)

    MP News छिंदवाड़ा जिले में स्थित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। रजिस्ट्रार छिंदवाड़ा जिले में एक निजी कॉलेज चलाने वाले शिकायतकर्ता अनुराग कुशवाह से अपने कॉलेज के सुचारू संचालन के लिए और कोई समस्या नहीं होने का आश्वासन देने के लिए रिश्वत की रकम की मांग किया था।

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    छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी में रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ रजिस्ट्रार (फोटो- नई दुनिया)

    एएनआई, छिंदवाड़ा। जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को छिंदवाड़ा जिले में स्थित राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को एक कॉलेज के निजी संचालक से 25,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।

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    अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रार की पहचान मेघराज निनामा के रूप में हुई है, जो छिंदवाड़ा जिले में एक निजी कॉलेज चलाने वाले शिकायतकर्ता अनुराग कुशवाह से अपने कॉलेज के सुचारू संचालन के लिए और कोई समस्या नहीं होने का आश्वासन देने के लिए रिश्वत की रकम मांग रहा था।

    लोकायुक्त पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुरेखा परमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "अनुराग कुशवाह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मेघराज निनामा ने कॉलेज के सफल संचालन और किसी भी समस्या का सामना न करने के लिए 50,000 रुपये की मांग की थी।"

    25000 रुपये लेते हुए रजिस्ट्रार को रंगे हाथों पकड़ा

    DSP सुरेखा परमार ने आगे बताया कि टीम ने जाल बिछाया और सोमवार को रजिस्ट्रार को उनके कार्यालय में पहली किस्त 25000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है।

    रजिस्ट्रार ने की थी एक लाख रुपये की मांग 

    इस बीच, शिकायतकर्ता अनुराग कुशवाह ने कहा, "हम पिछले एक साल से बहुत परेशान हो रहे थे। रजिस्ट्रार निनामा ने कहा कि अगर हमें जिले में कॉलेज चलाना है तो सुचारू कॉलेज संचालन के लिए प्रति वर्ष 1 लाख रुपये का भुगतान करें। जिसके बाद मैंने कहा यह बहुत बड़ी रकम थी, फिर उसने 50,000 रुपये देने को कहा। जिसके बाद मैंने सोमवार को उसके कार्यालय में इसकी पहली किस्त, 25,000 रुपये का भुगतान किया और उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।'

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