पहलगाम हमले में टेरर फंडिंग का डर दिखाकर डिजिस्ट अरेस्ट का प्रयास, बुजुर्ग वकील ने घबराकर लगा ली फांसी
भोपाल के जहांगीराबाद में एक दुखद घटना घटी, जहाँ वरिष्ठ अधिवक्ता शिवकुमार शर्मा ने टेरर फंडिंग के नाम पर धमकी मिलने के बाद आत्महत्या कर ली। उन्हें पहलगाम हमले के आरोपी के लिए फंडिंग का आरोप लगाया गया था, जिससे वे तनाव में आ गए। पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद कर जांच शुरू कर दी है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी भोपाल के जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के बरखेड़ी इलाके में सोमवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। जिला अदालत के वरिष्ठ अधिवक्ता, 68 वर्षीय शिवकुमार शर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना सोमवार शाम की है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाते हुए जांच शुरू कर दी है।
टेरर फंडिंग के नाम पर धमकाया
पुलिस को मृतक के कमरे से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें यह जिक्र किया गया कि हाल ही में किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन कर धमकाया था। कॉलर ने दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आरोपी आसिम जोजी के लिए उनके एचडीएफसी बैंक खाते से फंडिंग हुई है। यह आरोप सुनकर शर्मा तनाव में आ गए और खुद को साजिश में फंसा हुआ महसूस करने लगे। उन्हें लगा कि उन पर देशद्रोही होने की छाप लग जाएगी, जिसे वह सह नहीं सकते ।
जहांगीराबाद थाना प्रभारी मान सिंह के अनुसार, सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे घटना हुई। परिजन ने जब उन्हें फंदे पर लटका देखा तो उतारकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने चेक करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
नहीं सह पाए तनाव
प्रारंभिक जांच में पुलिस को लग रहा है कि कॉल करने वालों ने टेरर फंडिंग का डर दिखाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया और ठगने की कोशिश की। तनाव और भय के चलते वरिष्ठ अधिवक्ता इस झांसे को सह नहीं पाए और जान दे दी।
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा है। साथ ही सुसाइड नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवाया गया है। साइबर टीम अब वकील के मोबाइल की कॉल डिटेल और डिजिटल ट्रेस खंगाल रही है, ताकि कॉलर तक पहुंचा जा सके।

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