भोपाल के GMC में 'मुन्नाभाई' स्टाइल में फर्जीवाड़ा, 20 हजार के लिए नर्सिंग परीक्षा में डमी कैंडिडेट बनी युवती, ऐसे खुली पोल
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहाँ एक छात्रा की जगह दूसरी युवती परीक्षा देने पहुंची। दस्तावेजों की जांच ...और पढ़ें

परीक्षा में डमी कैंडिडेट (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राजधानी के गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) में बीते मंगलवार को हुई नर्सिंग परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक छात्रा की जगह दूसरी युवती परीक्षा देने पहुंची थी। चंद रुपयों के लिए 'मुन्नाभाई' स्टाइल में किए गए इस फर्जीवाड़े का खुलासा दस्तावेजों की जांच से हुआ। कोहेफिजा पुलिस ने आरोपित युवती को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार जीएमसी में मंगलवार नर्सिंग प्रथम सेमेस्टर की सप्लीमेंट्री परीक्षा थी, जिसमें मूल छात्रा अनु कुमारी की जगह अशोका गार्डन निवासी सानिया अली परीक्षा देने पहुंच गई। पर्यवेक्षक ने बारीकी से सत्यापन शुरू किया तो सानिया के पास मौजूद अनु कुमारी के आधार कार्ड और सानिया के चेहरे में अंतर दिखा। सख्ती से पूछताछ करने पर वह घबरा गई और फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इसके बाद कालेज प्रतिनिधि राधिका जय नारायण ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
20 हजार रुपये में बिका ईमान
पुलिस पूछताछ में सानिया ने बताया कि वह अनु कुमारी को जानती तक नहीं है। मौसेरे भाई गनी ने उसे 20 हजार रुपये का लालच देकर डमी कैंडिडेट बनने के लिए तैयार किया था। कोहेफिजा पुलिस ने सानिया अली, अनु कुमारी और मास्टरमाइंड गनी के खिलाफ धोखाधड़ी व मप्र परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने कहा कि गनी अभी फरार है, उसकी गिरफ्तारी के बाद ही स्पष्ट होगा कि क्या यह कोई संगठित गिरोह है या व्यक्तिगत स्तर पर किया गया अपराध। पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
पहले भी हुआ है फर्जीवाड़ा
गांधी मेडिकल कालेज में पहले भी कई गंभीर घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वर्ष 2009-10 में यहां 28 छात्रों को फर्जी तरीके से दाखिला लेने का दोषी पाया गया था। वहीं 2013 में भी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली का मामला उजागर हुआ था, जिसमें पांच छात्रों को अनियमित तरीकों से मेडिकल कोर्स में शामिल होने पर बर्खास्त किया गया था। 2017 में कालेज प्रशासन ने 47 छात्रों के एडमिशन निरस्त किए थे, नवंबर 2025 में भी दो नीट अभ्यर्थियों को फर्जी विकलांगता प्रमाण-पत्र जमा कर एमबीबीएस में प्रवेश लेने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।