भोपाल में इंसानियत की मिसाल: एंबुलेंस का इंतजार छोड़ डॉक्टर ने अपनी कार से गर्भवती को पहुंचाया अस्पताल, सुरक्षित हुआ प्रसव
भोपाल के संजीवनी क्लीनिक के डॉ. पार्थ शर्मा ने तत्परता दिखाते हुए एक गर्भवती महिला को अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचाई। महिला को समय से प ...और पढ़ें

प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती महिला को तुरंत कार से अस्पताल पहुंचाया गया।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। चिकित्सा सेवा सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और समर्पण की मिसाल होती है, इस बात को भोपाल के एक डॉक्टर ने अपने कार्य से साबित कर दिखाया। भानपुर मालीखेड़ा स्थित संजीवनी क्लीनिक के चिकित्सक डॉ. पार्थ शर्मा ने समय पर त्वरित निर्णय लेकर एक गर्भवती महिला और उसके नवजात की जान बचाई।
घटना मालीखेड़ा क्षेत्र की है। यहां रहने वाली गर्भवती महिला की प्रसव तिथि जनवरी में थी, लेकिन बुधवार को अचानक, तय समय से करीब एक माह पहले ही उसे तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। हालात बिगड़ते देख स्थानीय एएनएम रानी यादव ने तुरंत संजीवनी क्लीनिक के प्रभारी डॉ. पार्थ शर्मा को सूचना दी।
सूचना मिलते ही डॉ. शर्मा बिना देर किए अपने निजी वाहन से महिला के घर पहुंचे। जांच के दौरान उन्होंने पाया कि महिला की हालत बेहद नाजुक है और एंबुलेंस का इंतजार करना जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में डॉ. शर्मा ने मानवीय और साहसिक निर्णय लेते हुए महिला को अपनी कार में बैठाकर तत्काल उच्च स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
डॉ. शर्मा की तत्परता रंग लाई और समय पर अस्पताल पहुंचने से महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं।
इस मानवीय पहल की सराहना करते हुए सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने कहा कि यह कार्य त्वरित निर्णय, जिम्मेदारी और सेवा भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। ऐसे चिकित्सक न केवल मरीजों की जान बचाते हैं, बल्कि समाज में चिकित्सा व्यवस्था के प्रति भरोसे को भी मजबूत करते हैं।

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