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    MP News: 2 साल के अनुनय गढ़पाल को याद है 40 से ज्यादा देशों के झंडे, झट से बताता है प्रधानमंत्रियों के नाम

    By Jagran NewsEdited By: Manish Negi
    Updated: Thu, 15 Dec 2022 10:19 AM (IST)

    मध्य प्रदेश के बालाघाट का रहने वाला अनुनय गढ़पाल असाधारण प्रतिभा का धनी है। मात्र दो साल के अनुनय को 40 से ज्यादा देशों के झंडे की पहचान है। साथ ही उसे कई देशों के प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के नाम भी याद हैं।

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    MP News: 2 साल के अनुनय गढ़पाल को याद है 40 से ज्यादा देशों के झंडे

    बालाघाट, नई दुनिया। मध्य प्रदेश के बालाघाट के रहने वाले अनुनय गढ़पाल की आज चारों ओर चर्चा है। सिर्फ दो साल का अनुनय इतनी कम उम्र में ना सिर्फ 40 से अधिक देशों के झंडे को पहचान लेता है, बल्कि उसे इतने ही देशों के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों के नाम भी याद है। इस असाधारण प्रतिभा के धनी अनुनय का आज हर कोई मुरीद है।

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    आमतौर पर इस उम्र में बच्चों को जहां वीडियो गेम खेलने या कार्टून देखने का शौक होता है। वहीं, अनुनय को अल्फाबेट, नंबर्स, बड़ी हस्तियों की तस्वीर वाली कलरफुल किताबें देखना और पढ़ना पसंद है। अनुनय 60 से ज्यादा आब्जेक्ट को देखकर उसका नाम बताता है। उन्होंने बताया कि अनुनय का सपना वैज्ञानिक बनने का है।

    24 महीने का है अनुनय गढ़पाल

    अनुनय गढ़पाल के पिता बालाघाट के जिला परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल हैं। अनुनय की स्मरण शक्ति इतनी तेज है कि 40 से ज्यादा देशों के झंडों को देखकर उनके नाम व देश के प्रधानमंत्री, प्रदेश मुख्यमंत्री सहित अन्य महापुरूषों के नाम मुंहजुबानी याद है। अनुनय का नाम इंटरनेशनल बुक आफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। उन्हें ये उपलब्धि ऐसे कारनामे के लिए मिली है जिसे सीखने या याद रखने के लिए इंसान को सालों लग जाते है।

    अनुनय के हुनर को निखारती हैं मां विद्या

    जिला परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल ने बताया कि अनुनय की बचपन से स्मरण शक्ति तेज है। किसी वस्तु , नाम, चित्र को एक बार देखने के बाद उसे हमेशा वो चीज याद रहती है। माता पिता ने बच्चे का हुनर पहचाना और इसे तराशने में जुट गए। अनुनय की इस उपलब्धि में उसकी मम्मी विद्या गढ़पाल का अहम योगदान है। खाली समय में विद्या गढ़पाल बेटे के हुनर को निखारती है।

    छोटी उम्र में जीता बड़ा अवॉर्ड

    अनुनय एक साल 11 माह का था, तब अवॉर्ड इंटरनेशनल बुक आफ रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक रिकॉर्ड के लिए भेजा गया था। इसके लिए एक महीने तक प्रक्रिया चली। बेटे के हुनर को देखकर लगा कि उसमें असाधारण प्रतिभा है और इसे एक मंच देना चाहिए। नाम पहचानने बोलने का वीडियो बनाकर हमने इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड संस्थान को भेजा। जहां एक महीने चली सिलेक्शन प्रोसेस के बाद अनुनय का अवार्ड के लिए चयन हुआ है।

    वैज्ञानिक बनना चाहता है अनुनय

    इंटरनेशनल बुक आफ रिकॉर्ड द्वारा जारी अवॉर्ड सर्टिफिकेट में अनुनय की अलग-अलग कैटेगरी में कई उपलब्धि दर्ज है। जिसमें अनुनय द्वारा फ्रीडम फाइटर, स्मारक, आकार, रंग, फल फूल, 20 से ज्यादा ट्रांसपोर्ट व्हीकल के नाम, शरीर के अंगए पक्षी, विभिन्ना मुद्रा आदि को पहचानने और इनके नाम याद रखने की उपलब्धि है। अनिमेष ने बताया कि अनुनय का सपना साइंटिस्ट बनने का है।

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