JMB Terrorist: भोपाल में आतंकियों की गिरफ्तारी से बांग्लादेश-बंगाल सीमा पर चल रही देशविरोधी गतिविधियां होंगी उजागर
JMB Terrorist भोपाल से दबोचे गए जेएमबी के आतंकियों के तार बंगाल से जुड़ रहे हैं। ये आतंकी न केवल बांग्लादेश मूल के हैं बल्कि बंगाल के रास्ते देश में आ ...और पढ़ें

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दबोचे गए जेएमबी के आतंकियों के तार बंगाल से जुड़ रहे हैं। ये आतंकी न केवल बांग्लादेश मूल के हैं, बल्कि बंगाल के रास्ते देश में आए हैं। जांच एजेंसियों को पता चला है कि बंगाल और बांग्लादेश की सीमा पर कई आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं, लेकिन आतंकी गतिविधियों के इनपुट पर बंगाल की जांच एजेंसी से सहयोग नहीं मिलने के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही। मध्य प्रदेश में भोपाल व ग्वालियर के अलावा छत्तीसगढ़ के रायपुर और उत्तर प्रदेश के देवबंद से गिरफ्तारियां होने के बाद अब बंगाल में बांग्लादेश की सीमा पर चल रही देशविरोधी गतिविधियां उजागर होने की उम्मीद है। इस आधार पर केंद्रीय एजेंसियां वहां अपना शिकंजा कस सकेंगी। भोपाल में चल रही गतिविधियों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय पैनी नजर बनाए हुए है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अधिकारी भोपाल पहुंच चुके हैं, वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकियों की गिरफ्तारी पर प्रशस्ति पत्र प्रेषित कर मध्य प्रदेश के आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) को बधाई दी है।
ऐसे कसा शिंकजा
भोपाल में हुई कार्रवाई भले ही तात्कालिक दिख रही हो, लेकिन इसकी भूमिका लभगग छह महीने पहले बन गई थी। दरअसल, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के मध्य प्रदेश में सक्रिय होने के संकेत मिलने पर खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने इसका माड्यूल समझने और नेटवर्क की जानकारी जुटाने के लिए बंगाल में डेरा डाला था। तब एजेंसियों के अधिकारियों को बंगाल और बांग्लादेश की सीमा पर जेएमबी के कई प्रशिक्षण शिविर चलने की पुख्ता जानकारी मिली। सीमांत बंगाल से प्राप्त सूचनाओं, सुरागों और दस्तावेजों के आधार पर पड़ताल जारी रखी गई, जिसमें संगठन का नेटवर्क देवबंद और भोपाल में सक्रिय होना पाया गया।
बंगाल एटीएस नहीं करती सहयोग
मध्य प्रदेश एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक बंगाल सीमा पर जेएमबी के शिविर चलने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई के लिए बंगाल एटीएस द्वारा सहयोग नहीं किया गया। यहां तक कि केंद्रीय जांच एजेंसी को भी बंगाल एटीएस सहयोग नहीं करती है। इसके चलते जेएमबी के खिलाफ जांच के साथ ही कार्रवाई करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

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