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    Alzheimer Day 2022: अल्ज़ाइमर रोग मस्तिष्क को करता प्रभावित, यह याददाश्‍त कमजोर होने व भूलने की है बीमारी

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Wed, 21 Sep 2022 02:36 PM (IST)

    Alzheimer Day 2022 बदलती जीवनशैली और खानपान की वजह से अल्जाइमर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि अधिकतर व्यक्ति यह समझ हीं नहीं पाता कि कब वो अल्जाइमर का मरीज हो गया।

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    Alzheimer Day 2022: अल्ज़ाइमर रोग मस्तिष्क को करता प्रभावित,

    रायपुर , जागरण आनलाइन डेस्‍क। World Alzheimer Day: हमारी इस भागती- दौड़ती जिंदगी में जहां हर चीजें आवश्यक हीं लगती है। फिर उसे पूरा करने की जद्दोजहद में कब हम किस बीमारी के शिकार हो जाते हैं, हम समझ हीं नहीं पाते। हमें जब होश आती है तब तक काफी देर हो चुकि होती है। मालूम हो कि बदलती जीवनशैली और खानपान की वजह से अल्जाइमर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि अधिकतर व्यक्ति यह समझ हीं नहीं पाता कि कब वो अल्जाइमर का मरीज हो गया।  

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    क्या है अल्ज़ाइमर रोग

    जानकारी के अनुसार अल्ज़ाइमर रोग सबसे आम प्रकार का डिमेंशिया है, जो कि मस्तिष्क के यथोचित रूप में काम न कर पाने की स्थिति में होने वाली परिस्थितियों के लिए समग्रता में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। अल्ज़ाइमर याददाश्त, सोचने और व्यवहार संबंधी समस्यायें पैदा करता है। प्रारंभ में ये लक्षण बहुत ही कम होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे रोग मस्तिष्क को अधिक नुकसान पहुंचाता है, लक्षण बिगड़ने लगते हैं।

    अल्जाइमर के लक्षण

    जानकारी हो कि इसके खास लक्षण से हमें इस बीमारी का पता लग सकता है। जैसे रात में नींद न आना, रखी हुई चीजों को जल्दी भूल जाना, आंखों की रोशनी कम होने लगना, छोटे-छोटे कामों को करने में भी परेशानी होना, अपने स्वजन को न पहचान पाना।

    स्मृतिलोप और अल्ज़ाइमर के अन्य लक्षण

    याद करने में दिक्कत, विशेष रूप से हाल ही की जानकारियों को याद करने में समस्या,अल्ज़ाइमर रोग का प्राय: पहला लक्षण है।

    याददाश्‍त का कमजोर होना व भूलना

    मालूम हो कि अल्ज़ाइमर रोग मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यह याददाश्‍त कमजोर होने व भूलने की बीमारी है। अधिकतर 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह समस्या देखी जाती है। इसमें सोचने की शक्ति कम होती है। अनुवांशिक समस्या के साथ ही जीवनशैली व खानपान में अनियमितता इसकी मुख्य वजह है। इसमें मरीजों की स्मरण शक्ति कम होना, परिचित कार्य करने में कठिनाई, समय-स्थान भुलना, चीजों को याद रखने में समस्या, चित्रों और स्थानीय संबंधों से परेशानी, व्यवहार में परिवर्तन आदि मुख्य वजह है।

    जरूरी है इलाज

    ज्ञात हो कि मानसिक समस्या जैसी लगने वाली यह बीमारी का इलाज बेहद जरूरी है। समय पर इलाज ना मिलन से बीमारी काफी बढ़ जाती है, जिसके बाद इलाज संभव नहीं हो पाता है।

    इस तरह करें बचाव

    इस बीमारी के बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। खुद को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखें। नकारात्मक विचारों को अपने मन पर हावी न होने दें। पसंद का संगीत सुनें, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करें। नियमित जीवनशैली व सही आहार लें। पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें, ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें।

    वैश्विक स्वास्थ्य संकट

    विश्व भर में कम-से-कम 4 करोड़ 40 लाख लोग डिमेंशिया से ग्रस्त हैं, जो इस रोग को एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनाते हैं । किसी व्यक्ति में अल्ज़ाइमर होने का कोई निदान रोगग्रस्त व्यक्ति के बल्कि उसके परिवार और दोस्तों के जीवन को भी बदल कर रख देता है।

    जानकारी हो कि जैसे-जैसे हम उम्रदराज होते हैं, हमारे मस्तिष्क में भी बदलाव होते हैं, और हमें कई बातों को याद करने में कभी कभी समस्यायें आ सकती हैं। यदि आप या आपका कोई परिचित याददाश्त या अन्य लक्षणों की समस्याओं का अनुभव कर रहा हो तो चिकित्सक को दिखायें। इन लक्षणों की कुछ वजहें, जैसे कि दवाओं के दुष्प्रभाव या विटामिन की कमी, ठीक हो सकती हैं।