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    MP News: बच्ची के सिर और रीढ़ से चिपका था अजीब सा हाथ, एम्स भोपाल ने सर्जरी कर हटाया

    एम्स भोपाल के चिकित्सकों ने अत्यंत दुर्लभ और जटिल सर्जरी में तीन वर्षीय बच्ची की खोपड़ी और रीढ़ से चिपके परजीवी जुड़वां (पैरासिटिक ट्विन) को सफलतापूर्वक अलग कर दिया। अशोकनगर की रहने वाली इस बच्ची की गर्दन के पीछे जन्म से ही एक मांसल उभार था। बच्ची को एम्स भोपाल के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया जहां उसकी एमआरआइ और सीटी स्कैन की गई।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 10 Apr 2025 02:00 AM (IST)
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    एम्स भोपाल ने हटाया तीन साल की बच्ची की खोपड़ी व रीढ़ से चिपका अधूरा विकसित भ्रूण (फोटो- एक्स)

     जेएनएन, भोपाल। एम्स भोपाल के चिकित्सकों ने अत्यंत दुर्लभ और जटिल सर्जरी में तीन वर्षीय बच्ची की खोपड़ी और रीढ़ से चिपके परजीवी जुड़वां (पैरासिटिक ट्विन) को सफलतापूर्वक अलग कर दिया। यह असामान्य मामला न केवल तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि इसे चिकित्सा इतिहास की एक दुर्लभ घटना के रूप में भी देखा जा रहा है।

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    बच्ची को एम्स भोपाल के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया

    अशोकनगर की रहने वाली इस बच्ची की गर्दन के पीछे जन्म से ही एक मांसल उभार था। बच्ची को एम्स भोपाल के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया, जहां उसकी एमआरआइ और सीटी स्कैन की गई।

    सीटी स्कैन दिखा विकसित भ्रूण

    जांच में सामने आया कि उसकी खोपड़ी और रीढ़ की हड्डी से अधूरे रूप से विकसित भ्रूण जुड़ा हुआ था, जिसमें अंग और पैल्विक हड्डियां भी थीं। चिंताजनक बात यह थी कि अविकसित भ्रूण मस्तिष्क के अत्यंत संवेदनशील हिस्से ब्रेन स्टेम से पास जुड़ा हुआ था।

    एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह के अनुसार परजीवी जुड़वां एक अत्यंत दुर्लभ चिकित्सा स्थिति है, जिसमें जुड़वां भ्रूणों में से एक का विकास गर्भ में रुक जाता है और वह पूरी तरह से अपने विकसित जुड़वां पर निर्भर हो जाता है।

    बच्ची की जान को हो गया था खतरा

    यह स्थिति बच्ची के लिए शारीरिक तकलीफ के साथ जान का खतरा भी बन चुकी थी। एम्स में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने गहन मंथन के बाद सर्जरी का जोखिम लिया। तीन अप्रैल को सर्जरी की गई। बच्ची अब स्वस्थ है और धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट रही है।