Free Fire Game: फ्री फायर गेम की लत में 10 साल के बच्चे ने पिता के बैंक खाते से निकाले 1.70 लाख रुपये
Online games Addiction मध्य प्रदेश के बालाघाट में आनलाइन गेम की लत कि शिकार एक बच्चे ने अपने पिता के बैंक खाते से एक लाख 70 हजार रुपये निकाल लिए। जब मामला पुलिस के पास पहुंचा तब जाकर सच सामने आया।

बालाघाट, जेएनएन। बच्चों में आनलाइन गेम्स की लत न सिर्फ उनकी सेहत बल्कि आदत भी खराब कर रही है। ऐसा ही एक मामला बालाघाट में सामने आया है। यहां एक दस साल के बच्चे ने एक साल में पिता के खाते से एक लाख 70 हजार रुपये निकाल लिए। मामला पुलिस तक पहुंचा और जांच आगे बढ़ी तो ने बेहद चौंकाने वाला सच सामने आया।
फ्री फायर गेम की लत में 10 साल के लड़के ने अपने पिता के बैंक खाते से 1.70 लाख रुपये निकाल लिए। अब तक आनलाइन गेम के प्रति इस तरह की लत की खबरें बड़े शहरों के बच्चों में ही आती थीं, लेकिन अब छोटे जिलों में इनकी पहुंच लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
जानें पूरा मामला
बालाघाट निवासी दस साल के बेटे को आनलाइन गेम फ्री फायर की लत लग गई। उसने इस खेल में अग्निशमन उपकरण और आईडी खरीदने के लिए अपने ही पिता के खाते से 1.70 लाख रुपये निकाले। वह पिछले दो साल से ऐसे ही पैसे निकालता रहा लेकिन उसके पिता को इसकी भनक तक नहीं लगी।
YouTube से UPI पिन बनाना सीखा
चौंकाने वाली बात तो यह है कि बेटे ने यूट्यूब से अकाउंट से पैसे भेजना और यूपीआई पिन बनाना सीख लिया। इसके बाद जांच में सच्चाई सामने आने के बाद उसके माता-पिता के साथ पुलिस भी हैरान है। बताया गया कि वह उसी मोबाइल से फ्री फायर गेम खेलता था, जिसका इस्तेमाल पिता आनलाइन पेमेंट या ट्रांजैक्शन के लिए करता था।
64 हजार लौटाए गए
जांच में यह भी सामने आया कि नाबालिग बच्चा फ्री फायर की आईडी अपने मोहल्ले के बच्चों से ही खरीदता था जो यह गेम खेलते हैं। ये बच्चे उनसे दो से चार साल बड़े हैं। पुलिस ने ऐसे बच्चों से पूछताछ कर 64 हजार रुपये वापस दिला दिए हैं, लेकिन अब फ्री फायर में अग्निशमन उपकरण खरीदने के नाम पर खर्च होने वाली करीब एक लाख छह हजार रुपये की राशि का पता लगाना मुश्किल है।
साइबर सेल में पहुंची शिकायत तो सामने आई सच्चाई
पिछले दिन जब कोतवाली स्थित नोडल साइबर शाखा में शिकायत की गई तो जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता के बैंक खाते से पैसे निकालने वाला उसका बेटा है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक, बेटे ने आनलाइन लेनदेन कर पिता के बैंक खाते से करीब ढाई लाख रुपये निकालने की बात स्वीकार की है. इस मामले में परिजनों ने बच्चे के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की है, जिसके बाद पुलिस ने बच्चे को समझाइश देकर छोड़ दिया है।
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