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    MP News: अश्लील वीडियो बनाकर वसूली के मामले में एमपी पुलिस ने राजस्थान से चार को पकड़ा

    MP News मध्य प्रदेश में इंदौर पुलिस ने राजस्थान से वीडियो काल के जरिए अश्लील क्लिप बनाकर सैकड़ों लोगों से कथित तौर पर जबरन वसूली करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

    By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 03 Nov 2022 07:47 PM (IST)
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    अश्लील वीडियो बनाकर वसूली के मामले में एमपी पुलिस ने राजस्थान से चार को पकड़ा। फाइल फोटो

    इंदौर, एजेंसी। MP News: मध्य प्रदेश में इंदौर पुलिस ने राजस्थान से वीडियो काल के जरिए अश्लील क्लिप बनाकर सैकड़ों लोगों से कथित तौर पर जबरन वसूली करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने वीरवार को यह जानकारी दी।

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    जबरन वसूली भी करते थे

    प्रेट्र के मुताबिक, इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी ने संवाददाताओं को बताया कि गिरोह विभिन्न IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) नंबर वाले 1100 मोबाइल फोन का इस्तेमाल रैकेट चलाने के लिए कर रहा था। उन्होंने कहा कि आरोपित सैकड़ों लोगों को वीडियो काल करता था और उनके अश्लील वीडियो बनाकर जबरन वसूली करता था। वे इन अश्लील वीडियो को रिश्तेदारों और दोस्तों को उजागर करने की धमकी देकर पीड़ितों से पैसे लेते थे।

    एक पीड़ित ने लगा ली थी फांसी

    पुलिस आयुक्त ने कहा कि सितंबर में यहां के राजेंद्र नगर इलाके में 59 वर्षीय एक व्यक्ति ने इस तरह से प्रताड़ित किए जाने के बाद फांसी लगा ली थी। इसके बाद इस रैकेट की जांच शुरू हुई। आरोपित नौवीं-दसवीं कक्षा तक शिक्षित हैं। ये राजस्थान के भरतपुर के ग्रामीण इलाकों से काम कर रहे थे, यहां ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं। 

    रिश्वत लेते पकड़ा

    सीबीआइ ने बैरागढ़ में सेना के तीन ईएमई सेंटर के सहायक इंजीनियर गैरीशन जी.जान कैनेडी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में सीबीआइ ने कैनेडी से जुड़े दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया। कैनेडी के अलावा सीबीआइ ने सेना के असिस्टेंट इंजीनियर राजेंद्र सिंह यादव और जूनियर असिस्टेंट क्लर्क अरुण को भी आरोपित बनाया है। यह दोनों कैनेडी के काम में सहयोग करते थे। शिकायत करने वाली फर्म यहां मानव संसाधन की आपूर्ति करती थी। इसी संबंध में आरोपितों ने रिश्वत की मांग की थी। फर्म के संचालक ने इसकी शिकायत सीबीआइ से की थी। इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया।

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