Article 370 खत्‍म करने पर दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा पाकिस्‍तान, कोई देश नहीं दे रहा भाव

भारत सरकार द्वारा Article 370 खत्‍म करने से बेचैन पाकिस्‍तान का शीर्ष नेतृत्‍व पूरी दुनिया के सामने समर्थन की गुहार लगा रहा है। लेकिन कोई भी मुल्‍क उसके साथ नहीं आ रहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 10 Aug 2019 12:44 PM (IST) Updated:Sat, 10 Aug 2019 01:10 PM (IST)
Article 370 खत्‍म करने पर दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा पाकिस्‍तान, कोई देश नहीं दे रहा भाव
Article 370 खत्‍म करने पर दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहा पाकिस्‍तान, कोई देश नहीं दे रहा भाव

वाशिंगटन, पीटीआइ। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अनुच्‍छेद-370 (Article 370) खत्‍म किए जाने से बेचैन पाकिस्‍तान सरकार को दुनिया का समर्थन नहीं मिल रहा है। एक राजनयिक सूत्र ने बताया कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जम्‍मू-कश्‍मीर पर लिए गए भारत के ताजा फैसले के खिलाफ दुनिया भर के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। यहां तक कि पाकिस्‍तान के शीर्ष राजनयिक ने भी वाशिंगटन और न्‍यूयॉर्क में अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की। पाकिस्‍तानी राजनयिक की ओर से कहा गया कि यदि अमेरिकी नेताओं की ओर से मध्‍यस्‍थता नहीं की गई तो भारत-पाक के बीच युद्ध की स्थिति पैदा होगी।

सूत्र ने बताया कि अनुच्‍छेद-370 खत्‍म किए जाने के बाद विश्‍व समुदाय के सामने पाकिस्‍तान के चिल्‍लाने का कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है। विश्‍व समुदाय की ओर से पाकिस्‍तान को साफ शब्‍दों में कह दिया गया है कि क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने के लिए उसे सीमा पार करने से बचना होगा। पाकिस्‍तान को समझाने में अमेरिका समेत कई विश्‍व शक्तियां शामिल हैं। यही नहीं पाकिस्‍तान को साफ साफ शब्‍दों में यह भी समझा दिया गया है कि वह सीमा पार आतंकवाद का भी इस्‍तेमाल न करे। पाकिस्‍तान पहले ही एफएटीएफ (Financial Action Task Force) की मॉनिटरिंग की जद में है। यही नहीं आतंकवाद के मसले पर पाकिस्‍तान पर पूरी दुनिया की नजरे हैं।

बता दें कि अनुच्‍छेद-370 खत्‍म किए जाने के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री कल चीन के दौरे पर थे। उन्‍होंने चीनी विदेश मंत्री के सामने इस मुद्दे को भी उठाया था। बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने लिख्रित बयान में अनुच्‍छेद-370 का जिक्र किए बिना ही कहा था कि दोनों देशों को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बरकरार रखने के लिए कोई भी उकसावे वाला कदम नहीं उठाना चाहिए। अमेरिका ने भी कोई बड़ा बयान नहीं जारी करते हुए केवल घाटी में मानवाधिकार के मसले पर ही चिंता जताई है। इससे साफ है कि पाकिस्‍तान को किसी भी बड़े देश का मुखर समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है।

वहीं नई दिल्‍ली और इस्‍लामाबाद के बढ़ते तनाव के बीच रूस ने कहा है कि दोनों देशों को अपने संबंधों को सामान्‍य करने की दिशा में काम करना चाहिए। रूस के विदेश मंत्रालय (Ministry of Foreign Affairs of Russia) ने कहा है कि दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक पहल करनी चाहिए। हालांकि, रूस ने साफ किया कि भारत का अनुच्‍छेद-370 (Article 370) पर लिया गया फैसला विधि सम्‍मत है। इससे किसी अंतरराष्‍ट्रीय कानून का उल्‍लंघन नहीं हुआ है। इस मामले में भारत ने पहले ही अपना रूख साफ कर चुका है कि जम्‍मू-कश्‍मीर का मामला उसका आंतरिक विषय है। इसमें वह किसी अन्‍य देश का हस्‍तक्षेप स्‍वीकार नहीं करेगा।

यूरोपियन यूनियन (EU) ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच अनुच्छेद-370 खत्म करने को लेकर जो तनाव बढ़ा है, उसे कम करने के लिए दोनों देशों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। बातचीत की मेज पर इस तनाव को कम किया जा सकता है। तालिबान ने भी पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा है कि कश्मीर मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़े जाने से मसला हल नहीं होगा, क्योंकि अफगानिस्तान का मुद्दा इससे एकदम अलग है। तालिबान ने दोनों देशों से हिंसा से बचने की भी अपील की है। बांग्लादेश में आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करना भारत का अंदरूनी मामला है।

श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मालदीव ने भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने को भारत का अंदरूनी मामला बताया है। यहां तक कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनिओ गुटेरस ने भी दोनों देशों से कश्मीर मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। अमेरिका ने कहा है कि दोनों देश नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखें। हम भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर और अन्य मसलों पर सीधी बातचीत का समर्थन करते रहेंगे।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी