पाकिस्तान ने फिर भारत के खिलाफ दिखाया अपना रंग, कहा- 370 की वापसी के बिना संबंध सामान्य नहीं

Pakistan India पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों का आरोप भारत पर मढ़ते हुए कहा है कि जब तक अनुच्छेद 370 को वापस नहीं लिया जाता तब तक भारत के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकता।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 03:32 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 03:32 PM (IST)
पाकिस्तान ने फिर भारत के खिलाफ दिखाया अपना रंग, कहा-  370 की वापसी के बिना संबंध सामान्य नहीं
पाकिस्तान ने फिर भारत के खिलाफ दिखाया अपना रंग

इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) ने भारत पर बलूचिस्तान में आतंकका आरोप लगाया और कहा कि भारत अफगानिस्तान का इस्तेमाल कर बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। अमेरिकी मीडिया से गुरुवार को विभिन्न मुद्दों पर बोलते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने  कहा है कि पाक और भारत के संबंध कश्मीर में धारा 370 सहित कुछ निर्णय वापस लेने के बाद ही सामान्य हो सकते हैं।

 पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने अफगान शांति प्रक्रिया पर बयान देते हुए कहा कि युद्ध ग्रस्त देश से अमेरिकी सैन्य वापसी का फैसला वहां की शांति के लिए सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि पाक और अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है। अमेरिकी सेना की वापसी एक स्वागत योग्य कदम है। पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के यथासंभव प्रयास करेगा। पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों के संबंध में उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण मामले विपक्षी सहयोग के अभाव में पूरे नहीं हो सके हैं।

पाक में धार्मिक संगठन तहरीक ए लब्बैक की हिंसा पर उन्होंने बताया कि यह मामला संसद में विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में कुछ भी कहना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चोट पहुंचाना होगा। ज्ञात हो कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान को शह देकर आंतक फैलाने के मामले में पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है।

इससे पहले भी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा है कि जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं होता, तब तक दक्षिण एशिया में शांति स्थापित नहीं हो सकती है। बता दें कि भारत ने पाकिस्तानी नेताओं द्वारा उठाए गए कश्मीर मुद्दे पर किसी भी बातचीत को खारिज किया है। ज्ञात हो कि इससे पहले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी शांति वार्ता पेशकश की थी। विदेश मंत्रालय लगातार यह कहता रहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और यह पड़ोसी देश पर निर्भर करता है कि वह भारत के साथ कैसे संबंध रखना चाहता है।

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