जानिए डब्‍ल्‍यूएचओ ने कोविड-19 महामारी को लेकर क्‍या दी है दुनिया को चेतावनी

डब्‍ल्‍यूएचओ महासचिव ने कहा है कि अभी ये वायरस खात्‍मे के करीब नहीं है। इसके महासचिव ने ये भी कहा कि उन्‍हें 31 दिसंबर को इसकी जानकारी हुई थी।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 30 Jun 2020 01:51 PM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 01:33 PM (IST)
जानिए डब्‍ल्‍यूएचओ ने कोविड-19 महामारी को लेकर क्‍या दी है दुनिया को चेतावनी
जानिए डब्‍ल्‍यूएचओ ने कोविड-19 महामारी को लेकर क्‍या दी है दुनिया को चेतावनी

जिनेवा (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। कोविड-19 महामारी को लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थय संगठन ने पूरी दुनिया को चेतावनी दी है कि छह माह गुजरने के बाद भी यह संकट खत्‍म होने से काफी दूर है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने कहा है कि इस पर काबू पाने के लिये और अधिक प्रयास करने होंगे। गौरतलब है कि छह माह पहले चीन के वुहान शहर से शुरू हुए इस जानलेवा वायरस की चपेट में पूरी दुनिया के एक करोड़ से अधिक लोग आ चुके हैं। वहीं 5 लााख से अधिक लोगों की इस वायरस की चपेट में आने के बाद मौत हो चुकी है। WHO के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इस चेतावनी के साथ कहा है कि लोगों का जीवन बचाने के लिए विश्‍व द्वारा लिए गए संकल्प को और अधिक मजबूत किया जना चाहिए।

छह माह पहले कल्‍पना करना था मुश्किल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक का कहना है कि वायरस के फैलाव से जिस तरह की परेशानी खड़ी हुई हैं उनके बारे में छह माह पहले तक सोचना भी मुश्किल था। छह माह पहले तक कोई नहीं जानता था कि आने वाला समय इतना बुरा होगा। कोविड-19 के मामले अमेरिका, रूस, ब्राजील और भारत में लगातार बढ़ रहे हैं जिनकी रफ्तार अन्‍य देशों के मुकाबले कहीं अधिक है। उनका कहना था कि पूरी दुनिया और यहां के लोग वापस अपनी जिंदगी को पटरी पर लाना चाहते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ कड़वी सच्‍चाई ये भी है कि ये इतना आसान नहीं है, क्‍योंकि अभी हम इस वायरस के खात्‍मे के करीब नहीं पहुंचे हैं। हालांकि इसको लेकर कुछ देशों ने प्रगति जरूर की है, लेकिन महामारी को रोकने में अभी वैसी सफलता हाथ नहीं लग सकी है जो मिलनी चाहिए थी। उन्‍होंने कहा है कि इस वायरस के खिलाफ शुरू हुई जंग में हम सभी एक साथ हैं और ये साथ हमें लंबे समय तक निभाना होगा।

31 दिसंबर को मिली थी जानकारी

उन्‍होंने बीते छह माह के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी इस दौरान दी। उन्‍होंने कहा कि 31 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान शहर में अज्ञात कारणों से न्यूमोनिया के कई मामले सामने आने के बाद डब्‍ल्‍यूएचओ को पहली बार इस बीमारी के बारे में जानकारी हुई थी। इसके तुरंत बाद संगठन द्वारा स्वास्थ्यकर्मियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग मुहैया करवाई गई और टेस्‍ट किट समेत दूसरे बचाव के उपकरण भी जरूरतमंद देशों में भेजे गए थे। उनके मुताबिक वायरस को हराने और प्रभावी उपचार की तलाश करने के लिए एकजुटता ट्रायल शुरू किया गया। उन्‍होंने ये भी कहा कि स्वास्थ्य संगठन इसके समाधान, शोध को लेकर भी अपनी सेवाएं पूरी तरह से अन्‍य देशों को देता रहेगा।

ये हैं प्राथमिकताएं

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महासचिव ने कहा कि आने वाले महीनों में देशों के लिए सबसे अहम सवाल यही होगा कि इस वायरस के साथ किस तरह से आगे बढ़ा जाएगा। उनके मुताबिक यही नई सामान्य स्थिति है जिसको स्‍वीकार करना होगा। उन्‍होंने लोगों का जीवन बचाने के लिए सभी देशों को पांच प्राथमिकताएं तय करने के लिए कहा है। ये प्राथमिकताएं इस प्रकार हैं:-

अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लोगों को सशक्त बनाना। सुरक्षा के लिए शारीरिक दूरी बरते जाने सहित अन्य स्वास्थ्य उपायों का पालन करना, मास्क पहनना, भरोसेमंद स्रोत से सूचना प्राप्त करना। वायरस के फैलाव पर काबू पाने के प्रयास जारी रखना और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में जानकारी हासिल करके उन्हें एकांतवास में रखने की व्यवस्था करना। जल्द से जल्द संक्रमण के मामलों का पता लगाना, उन्‍हें इलाज मुहैया करवाना और उम्रदराज लोग जो अस्‍पताल में भर्ती हैं उनके जीवन को बचाने का प्रयास करना। अभी इस वायरस के बारे में बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है, लिहाजा रीसर्च की गति को बढ़ाया जाना चाहिए। संक्रमण के फैलाव पर काबू पाने, जीवन बचाने और सामाजिक व आर्थिक असर को कम करने के लिए व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत।

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