Taliban UAE Deal: अफगानिस्तान के हवाई हड्डों का परिचालन करेगा UAE, तालिबान ने साइन की डील

Taliban UAE Deal अफगानिस्तान में स्थित हवाई हड्डों का परिचालन अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) करेगा। तालिबान ने यूएई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस डील की जानकारी दी।

By Achyut KumarEdited By: Publish:Thu, 26 May 2022 07:44 AM (IST) Updated:Thu, 26 May 2022 07:48 AM (IST)
Taliban UAE Deal: अफगानिस्तान के हवाई हड्डों का परिचालन करेगा UAE, तालिबान ने साइन की डील
तालिबान ने यूएई के साथ एयरपोर्ट के परिचालन की डील की (फोटो- एएआइ)

काबुल, एएनआइ: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में हवाई अड्डों के परिचालन के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्री ने मंगलवार को यूएई, तुर्की और कतर के साथ कई महीनों की बातचीत के बाद यह जानकारी दी।

अब्दुल गनी बरादर ने समझौते पर किए हस्ताक्षर

तालिबान के परिवहन और नागरिक उड्डयन उप मंत्री गुलाम जेलानी वफा (Ghulam Jailani Wafa) ने मंगलवार को उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) की उपस्थिति में GAAC निगम के प्रतिनिधि के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

देश की सुरक्षा मजबूत है- मुल्ला बरादर

कान्ट्रैक्ट साइनिंग इवेंट में बोलते हुए, मुल्ला बरादर ने कहा कि देश की सुरक्षा मजबूत है और इस्लामिक अमीरात विदेशी निवेशकों के साथ काम करने को तैयार है। बरादर ने कहा कि इस सौदे पर हस्ताक्षर के साथ, सभी विदेशी एयरलाइंस सुरक्षित और भरोसेमंद रूप से अफगानिस्तान के लिए उड़ान भरना शुरू कर देंगी।

यूएई ने की हमारी सहायता- गुलाम  जेलानी वफा

परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्री गुलाम जेलानी वफा ने कहा, जब हम एक गंभीर और आपातकालीन स्थिति में थे, यूएई ने तकनीकी सहायता और मुफ्त टर्मिनल मरम्मत में हमारी सहायता की। GAAC Corporation एक बहुराष्ट्रीय फर्म है जो संयुक्त अरब अमीरात में विमानन सेवाएं प्रदान करती है।

तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर किया कब्जा

गौरतलब है कि अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया, जिसके चलते पिछली सरकार गिर गई। दिसंबर 2021 में, तुर्की और कतर की कंपनियों ने काबुल हवाई अड्डे, और बल्ख, हेरात, कंधार और खोस्त के प्रांतों में हवाई अड्डों को संचालित करने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जो मौजूदा समय में अफगानिस्तान में गंभीर आर्थिक परिस्थितियों के कारण काम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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