ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के चलते कोरोना से कम मौतें: विशेषज्ञ

कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। ऐसे में कई देश वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं जिसमें कोविड-19 की वैक्सीन अहम भूमिका निभा रही है। कोरोना वायरस और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए आक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का टीकाकरण मददगार साबित हो रहा है।

By Ashisha RajputEdited By: Publish:Tue, 28 Dec 2021 04:44 AM (IST) Updated:Tue, 28 Dec 2021 04:44 AM (IST)
ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के चलते कोरोना से कम मौतें: विशेषज्ञ
ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के चलते कोरोना से कम मौतें: विशेषज्ञ

लंदन, प्रेट्र। कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। ऐसे में कई देश वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, जिसमें कोविड-19 की वैक्सीन अहम भूमिका निभा रही है। कोरोना वायरस और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए आक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का टीकाकरण मददगार साबित हो रहा है। आपको बता दें कि इस टीके के शीघ्र इस्तेमाल से ब्रिटेन में मृत्यु दर पर खास प्रभाव पड़ा है। इस वैक्सीन के कारण अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में ब्रिटेन में मृत्यु दर में कमी देखने को मिल रही है।

ब्रिटेन के एक टीका विशेषज्ञ ने कही यह बात: ब्रिटेन के वैक्सीन टास्क फोर्स के पूर्व अध्यक्ष डा. क्लाइव डिक्स ने 'डेली टेलीग्राफ' को बताया कि आक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीका गंभीर कोरोना और उससे होने वाली मृत्यु के खिलाफ मजबूत एवं दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) एस्ट्राजेनेका के टीके को कोविशील्ड के नाम से उत्पादित करती है। डा. डिक्स ने कहा, 'यदि आप पूरे यूरोप में देखें, तो मामलों में वृद्धि के साथ, मौतों में भी वृद्धि हुई है, लेकिन ब्रिटेन में नहीं और हमें इस बात को समझना होगा।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारे अधिकांश अतिसंवेदनशील लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दी गई थी।'

क्या कहता है आवर वर्ल्ड इन डेटा: आवर वर्ल्ड इन डेटा के अनुसार, आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जाने वाली एक वेबसाइट से पता चलता है कि ब्रिटेन में प्रति दस लाख लोगों पर कोविड-19 से प्रतिदिन 1.7 मौतें होती हैं। वहीं इसकी तुलना में यूरोपीय संघ में यह आंकड़ा चार के पार है। डॉ. डिक्स ने कहा, हमने शुरुआती डेटा देखा है कि ऑक्सफोर्ड टीका एक बहुत ही टिकाऊ और काम करने वाला साबित हुआ है।

वहीं वैज्ञानिक के अनुसार, यूरोप और ब्रिटेन के वैक्सीन रोलआउट के बीच एकमात्र सबसे बड़ा अंतर ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके का दृष्टिकोण था। 

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