Earthquake in Tibet: दक्षिणी तिब्बत में 6.2 तीव्रता के खतरनाक भूकंप से Xizang क्षेत्र में झटके

तिब्बत के झियांग क्षेत्र में 6.2 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 08:22 AM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 08:37 AM (IST)
Earthquake in Tibet: दक्षिणी तिब्बत में 6.2 तीव्रता के खतरनाक भूकंप से Xizang क्षेत्र में झटके
Earthquake in Tibet: दक्षिणी तिब्बत में 6.2 तीव्रता के खतरनाक भूकंप से Xizang क्षेत्र में झटके

झियांग(तिब्बत), एएनआइ। तिब्बत के झियांग क्षेत्र में 6.2 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया है। पड़ोसी देश तिब्बत में आए भूकंप के झटके इतनी तेज थे की आस-पास के काफी किलोमीटर तक महसूस किए गए। हालांकि, अभी इस भूकंप से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, तिब्बत के झियांग क्षेत्र में देर रात 1 बजकर 37 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 रही। भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडु से उत्तर की ओर 380 मील की दूरी पर जमीन से 6 मील नहीं रहा।

वहीं, पिछले दिन अमेरिका के अलास्का में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी की गई है। जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। बता दें कि इस समय देश और दुनिया में आए दिन भूकंप के झटकों की खबर सामने आ रही है। भारत के भी अलग-अलग स्थानों पर पिछले काफी समय से बार बार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।

क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।

क्यों टकराती हैं प्लेटें?

दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूकंप की गहराई से क्या मतलब है?

मतलब साफ है कि हलचल कितनी गहराई पर हुई है। भूकंप की गहराई जितनी ज्यादा होगी सतह पर उसकी तीव्रता उतनी ही कम महसूस होगी।

कौन से भूकंप खतरनाक होते हैं?

रिक्टर स्केल पर आमतौर पर 5 तक की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन यह क्षेत्र की संरचना पर निर्भर करता है। यदि भूकंप का केंद्र नदी का तट पर हो और वहां भूकंपरोधी तकनीक के बगैर ऊंची इमारतें बनी हों तो 5 की तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक हो सकता है।

ऐसे करें बचाव

-सुरक्षित स्थान पर भूकंपरोधी भवन का निर्माण कराएं।

-समय-समय पर आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण लें व पूर्वाभ्यास करें।

-आपदा की किट बनाएं जिसमें रेडियो, जरूरी कागज, मोबाइल,टार्च, माचिस, मोमबत्ती, चप्पल, कुछ रुपये व जरूरी दवाएं रखें।

-संतुलन बनाए रखने के लिए फर्नीचर को कस पकड़ लें। लिफ्ट का प्रयोग कतई न करें।

-खुले स्थान पर पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।

-मकान ध्वस्त हो जाने के बाद उसमें न जाएं।

-कार के भीतर हैं तो उसी में रहें, बाहर न निकलें।

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