America Iran Tension: अमेरिका-ईरान का युद्ध हुआ तो बेहद भयानक होगी तस्वीर

America Iran Tension अमेरिका ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरैमको के ठिकानों पर ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 08:47 AM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 03:02 PM (IST)
America Iran Tension: अमेरिका-ईरान का युद्ध हुआ तो बेहद भयानक होगी तस्वीर
America Iran Tension: अमेरिका-ईरान का युद्ध हुआ तो बेहद भयानक होगी तस्वीर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। America Iran Tension: सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका और ईरान एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं, जिसके चलते खाड़ी क्षेत्र में तनाव गहरा गया है। अमेरिका ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरैमको के ठिकानों पर ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। इस पूरे प्रकरण पर राष्ट्रपति ट्रंप ने बेहद कड़ी प्रतिक्रिया देते सऊदी अरब का साथ देने की बात कही है। इससे पहले जून में ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को टाल दिया था। तब ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था। ऐसे में इस बात का डर बढ़ गया है कि ये ज़ुबानी जंग अगर युद्ध में बदल गई तो क्या होगा? पूरे मामले पर एक नजर:

छिड़ सकता है हाइब्रिड युद्ध
अगर अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान पर हमला करते हैं तो हो सकता है कि वो एक तरह का हाइब्रिड युद्ध छेड़ (छद्म युद्ध) दे। मतलब वो छोटे-मोटे हमलों के साथसाथ जहाजों और दूसरी जगहों पर बड़े हमले करने लगे। साथ ही तेल के दाम बढ़ा दे। शायद इससे भी आगे की जवाबी कार्रवाई करे। इनमें से कुछ भी हो सकता है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
अगर दोनों देशों की बीच युद्ध होता है तो इसकी पूरी संभावनाएं है कि ईरान तेल रोककर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार सकता है। दुनिया में तेल के कुल प्रवाह का पांचवा हिस्सा फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच होरमुज स्ट्रेट के रास्ते जाता है। युद्ध के हालात में ईरान अपनी नौसेना के जरिए इस रास्ते को बंद कर सकता है। युद्ध के हालात के मद्देनजर ईरान ये भी कर सकता है कि वह तेल रोकने की इस नीति को यमन और हौती सहयोगियों के साथ मिलकर उनसे भी ऐसा करने को कहे। ऐसा होता है तो लाल सागर में बाब अल-मंदाब का रास्ता भी रोका जा सकता है, जहां से दुनिया का करीब 4 फीसद तेल गुजरता है। तेल कारोबार की बड़ी चाबी ईरान के हाथ में है और यह उसकी सबसे खास रणनीतिक ताकतों में शुमार है।

हो सकता है तीसरा विश्व युद्ध
रूस का अमेरिका को यह कहना है कि युद्ध की स्थिति में वह ईरान के साथ है, अपने आप में तीसरे विश्व युद्ध की आहट है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के करीबी माने जाते हैं। ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव में कई बार रूस ने ईरान का साथ दिया है। मॉस्को कई बार अमेरिका को बता चुका है कि यदि वॉशिंगटन किसी भी तरीके से क्षेत्र में हिंसा को बढ़ावा देगा तो इसकी भरपाई करना मुश्किल होगा। यही नहीं यदि दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ता है तो रूस सहित अरब खाड़ी के सभी देश इस युद्ध का हिस्सा होंगे।

तनाव की शुरुआत
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता टूटने के बाद से ही तनाव बना हुआ है। ईरान द्वारा परमाणु समझौता खत्म होने के बाद अमेरिका ने दोबारा ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं, पिछले सप्ताह ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों पर हुए हमलों के बाद से खाड़ी क्षेत्र में सैन्य टकराव का खतरा और भी बढ़ गया था।

भारत की मुश्किल
असल में अमेरिका से जंग छिड़ने के नतीजे ईरान भी जानता है। इसलिए उकसावे की कोशिशों के बीच ऐसे संकेत भी देता है कि वह तनाव बढ़ाने के बजाय उसे कम करने की कोशिश कर रहा है। इसी तरह अमेरिका को भी इसका अहसास है कि ईरान से युद्ध लड़ने के क्या परिणाम हो सकते हैं, पर तनातनी का यह माहौल दुनिया के सामने कई संकट पैदा कर रहा है। जैसे भारत के सामने मुश्किल है कि ईरान से तेल की सप्लाई बंद होने की सूरत में इसके विकल्प सीमित हैं। इसलिए अमेरिका से दोस्ती के लिए वह सीधे तौर पर ईरान को नाराज करने के पक्ष में नहीं है। देखना होगा कि भारतीय राजनय इस समस्या से कैसे पार पाता है और सस्ते तेल के क्या विकल्प तलाश कर पाता है?।

यहां जानें:
ट्रंप ने दिए ईरान पर सैन्य कार्रवाई के संकेत; कहा- हम अपराधी को जानते हैं
युद्ध के मुंहाने पर अमेरिका और ईरान, वे घटनाएं जिन्‍होंने किया 'आग में घी' डालने का काम

chat bot
आपका साथी