अमेरिकी चुनाव से पहले फिर उत्तर कोरिया ने बदला रंग, दुनिया को दिखाई अपनी ताकत

अपने संबोधन में किम ने भावुक अंदाज में देश में हुई भीषण बारिश तूफान और बाढ़ से लोगों को बचाने में सेना की भूमिका की सराहना की। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए भी उन्होंने सेना की प्रशंसा की।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2020 08:23 AM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2020 08:23 AM (IST)
अमेरिकी चुनाव से पहले फिर उत्तर कोरिया ने बदला रंग, दुनिया को दिखाई अपनी ताकत
देश को कोरोना से बचाने के लिए किम ने सेना का आभार जताया।

सियोल, रायटर। उत्तर कोरिया ने अमेरिका के चुनाव से ठीक पहले फिर रंग बदला है। उसने दो साल बाद इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) का नया संस्करण दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। 11 एक्सल वाले वाहन पर परेड में लाई गई यह आइसीबीएम दुनिया की सबसे बड़ी बैलेस्टिक मिसाइलों में से एक है, हालांकि यह अभी सेना में शामिल नहीं हुई है।

इसके अतिरिक्त सैन्य परेड में ह्वासोंग-15 आइसीबीएम भी प्रदर्शित की गई जो उत्तर कोरिया की सेना में शामिल हो चुकी है। इसका इस्तेमाल पनडुब्बी से हमला करने में भी किया जा सकता है। समारोह में तमाम तरह की आशंकाओं को नकारते हुए उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन सार्वजनिक मंच पर आए और कोरोना वायरस व दैवीय आपदा से देश को बचाने के लिए सेना का आभार जताया।

उत्तर कोरिया सरकार का दावा है कि उसके देश में कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। किम ने आशा जताई कि कोरोना वायरस से पैदा महामारी के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया फिर से हाथ मिलाएंगे और संबंधों को आगे बढ़ाएंगे। कुछ महीने पहले उत्तर कोरिया ने एकतरफा फैसले लेकर दक्षिण कोरिया से अपने संबंधों का स्तर कम कर लिया था। समारोह में आए किसी भी व्यक्ति ने फेस मास्क नहीं पहना था। जबकि कुछ हफ्ते पहले हुए कार्यक्रमों में लोग मास्क पहनकर शामिल हुआ करते थे। समारोह में बड़ी संख्या में लोगों और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह पहला मौका था जब समारोह भोर होने से पहले ही पूरा हो गया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपने शुभकामना संदेश में दोनों देशों के संबंधों को सुरक्षात्मक, ठोस और विकासोन्मुख बताया है।

सरकारी संवाद एजेंसी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक प्रतिबंधों के चलते देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। इससे देश की कुछ परियोजनाओं के कामकाज में विलंब हुआ है। लेकिन खास फर्क नहीं पड़ा है।

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