इन खूबसूरत महिला सैनिकों से डर कर बारिशा में छिपा था आतंक का आका बगदादी

ये दुनिया की सबसे सुंदर लेकिन सबसे खतरनाक महिला सैनिक हैं। इन्होंने ISIS के गढ़ में उनके छक्के छुड़ा रखे हैं। बगदादी समेत आतंक के तमाम आका इनसे खौफ खाते हैं।

By Amit SinghEdited By: Publish:Mon, 28 Oct 2019 02:56 PM (IST) Updated:Tue, 29 Oct 2019 01:24 PM (IST)
इन खूबसूरत महिला सैनिकों से डर कर बारिशा में छिपा था आतंक का आका बगदादी
इन खूबसूरत महिला सैनिकों से डर कर बारिशा में छिपा था आतंक का आका बगदादी

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी अबु-बकर-अल-बगदादी अमेरिकी कमांडों के हाथों मारा गया है। विशेष अमेरिकी कमांडो और डॉग स्क्वायड ने सीरिया के खूंखार आतंकी संगठन ISIS के प्रमुख बगदादी को बारिशा, सीरिया में मार गिराया है। आत्मघाती दस्ते तैयार करने वाला बगदादी, खुद अपनी मौत को देखकर कांप गया था। अंतिम छणों में जान बचाने के लिए वह भागने लगा था। क्या आप जानते हैं कि आतंक का आका कुछ खूबसूरत महिला सैनिकों के डर से बारिशा की गुफाओं में छिपने को मजबूर हुआ था।

बगदादी के लिख खौफ का पर्याय बनी ये महिला सैनिक कुर्द की हैं। ISIS के गढ़ सीरिया में इन कुर्दिश फाइटर्स की दहशत है कि आतंकी इनके शिविरों के आसपास भी नहीं फटकते हैं। इन महिला सैनिकों ने आईएसआईएस के कई लड़ाकों को मौत के घाट उतारा है।

इन महिला सैनिकों का शिविर ISIS के गढ़ में है, जहां इन्होंने आतंकियों को खदेड़ दिया है। आईएसआईएस इन महिला सैनिकों से इस कदर डरता है कि इनमें से कईयों के सिर पर लाखों, करोड़ों रुपये का ईनाम भी है।

दी जाती है युद्ध की सबसे कठिन ट्रेनिंग

इन कुर्दिश महिला कमांडो को सीरिया के सीमावर्ती क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट (IS) का मुकाबला करने के लिए तैनात किया गया है। इस्लामिक स्टेट के खूंखार आतंकियों से मुकाबला करने के लिए इन खूबसूरत महिला लड़ाकों को यहां के गर्म व पथरीले रेगिस्तान में युद्ध की सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।

IS के गढ़ में जमाया पांव

किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए इन महिला कमांडो को कई तरह के ऑटोमैटिक व घातक हथियारों और गोला-बारूद का प्रशिक्षण दिया गया है। इराक की ये जांबाज महिलाएं, कुर्दिश पेशमेर्गा लड़ाकों में शामिल हैं। बर्लिन, इराक में इन्हें कड़ा सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। यूएस आर्मी समेत कई मुल्कों की सेनाओं के लिए चुनौती बने आईएस लड़ाकों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि ये कुर्दिश लड़कियां उन पर इस कदर भारी पड़ेंगी। इनकी वजह से उन्हें अपना काफी बड़ा इलाका छोड़ना पड़ा है।

अलग कुर्दिस्तान का है सपना

इन कुर्द महिलाओं के जज्बे और हिम्मत को देखते हुए, अमेरिकी और जर्मन सेनाएं भी इन्हें इस्लामिक स्टेट का मुकाबला करने के लिए कई तरह का प्रशिक्षण दे रहीं हैं। अलग-अलग समय पर न्यूज एजेंसियों व अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को दिए साक्षात्कार में इन कुर्दिश फाइटर्स ने बताया कि वह कई देशों से आयी हैं और अलग कुर्दिस्तान देश का सपना देख रही हैं। कुछ महीनों के कड़े प्रशिक्षण के बाद इन्हें अलग-अलग फ्रंट पर आईएस आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए तैनात किया जाता है।

विवादित इलाका है कुर्द

कुर्द एक विवादास्पद इलाका है, जो ISIS आतंकियों से लड़ रहा है। तुर्की, ईरान और सीरिया अपने सीमावर्ती इलाकों में मौजूद कुर्द आबादी को अपने लिए बड़ा खतरा मानते हैं। वहीं, दुनिया के सबसे खूंखार आतंकियों से लड़ रहीं इन महिला सैनिकों का कहना है कि कुर्दिस्तान एक है। उन्होंने क्षेत्र के सभी कुर्दों की हिफाजत करने के लिए हथियार थामा है।

दो मोर्चों पर लड़ रहीं कुर्द महिलाएं

कुर्द की ये खूबसूरत महिला सैनिक दो मोर्चों पर लड़ रही हैं। पहला आईएसआईएस जैसा खतरनाक दुश्मन और दूसरा यौन हिंसा। कुर्द महिलों ने जब तक हथियार नहीं उठाए थे, आतंकी अक्सर इनका अपहरण कर लेते थे। महीनों-वर्षों तक आतंकियों की यौन हिंसा का शिकार होने के बाद इनमें से कईयों की मौत हो जाती थी तो कई आतंकियों के लिए बच्चे पैदा करने वाली मशीन बनकर रह जाती थीं। अब भी अपनी खूबसूरती की वजह से ये कुर्द महिलाएं आतंकियों के निशाने पर रहती हैं, लेकिन महिला सैनिकों की वजह से आतंकी अब इन पर हाथ डालने से भय खाते हैं।

महिला-पुरुष में भेद नहीं करते कुर्द

कुर्द फाइटर्स, महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं करते हैं। दोनों की ट्रेनिंग और तैनाती सब एक साथ होती है। महिला सैनिक कहती हैं कि वह किसी से कम या कमजोर नही हैं। वह हर परिस्थिति में और दुनिया के किसी भी कोने में लड़ सकती हैं।

18 से 25 वर्ष है इनकी उम्र

सैन्य प्रशिक्षण के लिए ईरान से इराक पहुंचने वाली इन कुर्द महिला सैनिकों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच होती है। इनमें से ज्यादातर ने कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई की है। ये महिला सैनिक बताती हैं कि आतंकियों ने सीरिया स्थिति उनके इलाके सिंजर में इस्लामिक स्टेट ने कब्जा कर लिया था। इसके बाद महिलाओं ने आतंकियों का मुकाबला करने के लिए हथियार थाम लिये।

युद्ध के माहौल में भी निकाल लेती हैं फुर्सत

इन महिला सैनिकों की एक और खासियत इन्हें बाकी महिला सैनिकों से अलग करती है। वह खासियत ये है कि घर से दूर, आतंकियों के गढ़ में मौजूद ये महिला सैनिक, बेहद तनाव और व्यस्त शेड्यूल के बीच भी फुर्सत के कुछ पल निकाल लेती हैं। इस दौरान ये सजती-संवरती भी हैं और खुलकर जिंदगी का मजा भी लेती है। सोशल मीडिया पर इनके फुर्सत के पलों की फोटो अक्सर वायरल होती रहती हैं।

ये है दहशत की वजह

आईएसआईएस के आतंकियों के लिए ये महिला सैनिक एक खास वजह से दहशत का पर्याय हैं। दरअसल इस्लामिक स्टेट (IS) के लड़ाके मानते हैं कि अगर उनकी मौत किसी महिला सैनिक के हाथों होती है तो उन्हें जन्नत नसीब नहीं होगी।

23 वर्षीय फाइटर ने मारे थे 100 IS आतंकी

2017 में आतंकियों ने 23 साल की एक महिला कुर्दिश फाइटर जोआना पलानी को मारने पर 10 लाख डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 71 करोड़ रुपये) का ईनाम रखा था।

बताया जाता है कि जोआना पलानी ने अकेले 100 से ज्यादा आईएस आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। कुर्द मूल की डैनिश युवती जोआना पलानी ने वर्ष 2014 में आईएस के खिलाफ लड़ने के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी।

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