चीन बना रहा भारत को घेरने की नई रणनीति, चरवाहों को पढ़ाया राष्ट्रभक्ति का पाठ

चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे तिब्बती इलाके के चरवाहों को चीनी राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Mon, 30 Oct 2017 08:31 AM (IST) Updated:Mon, 30 Oct 2017 10:07 AM (IST)
चीन बना रहा भारत को घेरने की नई रणनीति, चरवाहों को पढ़ाया राष्ट्रभक्ति का पाठ
चीन बना रहा भारत को घेरने की नई रणनीति, चरवाहों को पढ़ाया राष्ट्रभक्ति का पाठ

बीजिंग, पीटीआई। चीन ने नई रणनीति के तहत भारत को घेरने की योजना बनाई है। राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग ने लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति पद की कुर्सी संभालते ही फिर से सीमा विवाद को हवा देनी शुरू कर दी है। कुछ समय पहले ही डोकलाम सीमा विवाद पर भारतीय और चीनी सेना आमने-सामने आ गई थी। 

डोकलाम सीमा विवाद पर भारत ने पीछे हटने से इनकार कर दिया था, इसलिए चीन को मानना पड़ा था। लेकिन ऐसा लगता है कि चीन अब नई रणनीति के तहत भारत को घेरना चाह रहा है। चीनी राष्‍ट्रपति ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे तिब्बती इलाके के चरवाहों को चीनी राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाया है। चिनफिंग ने ऐसा करते हुए चरवाहों को इस बात के लिए उकसाया कि वे अरुणाचल की सीमा के पास अपना बोरिया-बिस्तर डाल दें, ताकि चीनी क्षेत्र की रक्षा हो सके।

चीनी राष्‍ट्रपति ने एक बयान में कहा, 'क्षेत्र में शांति के बिना करोड़ों लोगों का जीवन भी शांतिपूर्ण नहीं हो सकता।' वह चीन के दक्षिण पश्चिम में तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के चरवाहों के परिवार से बात कर रहे थे। उनका कहना था कि चरवाहे सीमाई इलाके में रहना शुरू करें और अपने गृहक्षेत्र को विकसित करें। वे सीमा इलाके में 'गैलसांग' (चीनी फूल) की तरह खिल जाएं। चिनफिंग ने चरवाहों को अब तक चीन के प्रति वफादार रहने पर उनकी पीठ भी थपथपाई।

चिनफिंग ने उम्मीद जताई कि अरुणाचल सीमा के पास ज्यादा से ज्यादा चरवाहे अपना घर बनाएंगे। यहां जो फिलहाल रह रहे हैं, वे दूसरे चरवाहों को भी इस इलाके में रहने के लिए प्रेरित करेंगे। ज्ञात हो कि अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्से को चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता रहा है। हाल ही में सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में 73 दिनों तक आमने-सामने रहने के बाद भारत और चीन की सेनाएं पीछे हटी थी।

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