कश्मीर को लेकर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी अमेरिकी कांग्रेस, हालात को लेकर होगी चर्चा

कश्मीर को लेकर 14 नवंबर को अमेरिकी कांग्रेस का एक दल सुनवाई करने जा रहा है। 370 हटने के बाद यह कांग्रेस की दूसरी सुनवाई होगी।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 08:56 AM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 09:11 AM (IST)
कश्मीर को लेकर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी अमेरिकी कांग्रेस, हालात को लेकर होगी चर्चा
कश्मीर को लेकर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी अमेरिकी कांग्रेस, हालात को लेकर होगी चर्चा

वाशिंगटन, एएनआइ। कश्मीर को लेकर 14 नवंबर को अमेरिकी कांग्रेस में सुनवाई होने जा रही है। अमेरिका कांग्रेस का एक दल 14 नवंबर को कश्मीर को लेकर सुनवाई करना जा रहा है। इस सुनवाई के दौरान कश्मीर के हालात और वहां मानवाधिकार को लेकर चर्चा किए जाने की संभावना है।

जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के भारत के कदम के बाद कश्मीर पर यह अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई सुनवाई होगी। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष टॉम लैंटोस ने एक बयान में इसकी घोषणा करते हुए कहा, 'कई गवाह क्षेत्र के जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकार के हालात की जांच करेंगे और कांग्रेस द्वारा कार्रवाई के लिए सिफारिशें पेश करेंगे।'

सुनवाई में कौन-कौन होगा ?

यह सुनवाई कांग्रेस के सदस्यों, कांग्रेस के कर्मचारियों, आम जनता और मीडिया के लिए खुली होगी। इस सुनवाई के दौरान पैनल में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की अध्यक्ष अनुरीमा भार्गव, एंथ्रोपोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर और विधि, न्याय और संस्कृति केंद्र, ओहियो विश्वविद्यालय के निदेशक हेली दुशिन्स्की, मानवाधिकार वकील सहला असई, मानवाधिकार वकील और मुबीन शाह के कश्मीरी-अमेरिकी चचेरे भाई यूसरा फ़ाज़िली, मानवाधिकार वकील और एडजंट प्रोफेसर अर्जुन एस सेठी, और ह्यूमन राइट्स वॉच के एशिया एडवोकेसी डायरेक्टर जॉर्जटाउन लॉ जॉन सिफटन शामिल हैं।

कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा

इस सुनवाई से कश्मीर को लेकर अमेरिकी की नीति में कोई खास बदलाव नहीं होने वाला बल्कि यह पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित और समर्थित कदम हो सकता है, क्योंकि कश्मीर मुद्दे पर दुनियाभर में मुंह की खा चुका पाकिस्तान, अब इसे एकबार फिर उठाना चाहता है। दुनिया को कोई और देश या संस्था उसकी कश्मीर मसले पर मदद के लिए आगे नहीं आए हैं लिहाजा अब अमेरिकी कांग्रेस से ंमिलकर पाकिस्तान, इस मुद्दे को एकबार फिर से हवा देने की कोशिश कर रहा है।

बता दें, अमेरिका से लेकर कई बड़े देशों और संस्थाओं ने कश्मीर मसले को एक द्विपक्षीय और भारत का आंतरिक मामला बताया है।

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