समुद्र के नीचे बिछी माइन से एक धमाके में उड़ गया था अमेरिकी जंगी जहाज

द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल हुए एक समुद्री जहाज का 75 फुट लंबा ठोस हिस्सा वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 11:46 AM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 08:29 PM (IST)
समुद्र के नीचे बिछी माइन से एक धमाके में उड़ गया था अमेरिकी जंगी जहाज
समुद्र के नीचे बिछी माइन से एक धमाके में उड़ गया था अमेरिकी जंगी जहाज

वाशिंगटन [प्रेट्र]। द्वितीय विश्व युद्ध में इस्तेमाल हुए एक समुद्री जंंगी जहाज यूएसएस एब्‍नर का 75 फुट लंबा ठोस हिस्सा वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है। यह जहाज पनडुब्बियों की निगरानी के दौरान हुए धमाके में क्षतिग्रस्त हो गया था। तभी से इसकी खोज की जा रही थी। धमाके के बाद 71 अमेरिकी नौसैनिक भी लापता हो गए थे। लगभग 75 वर्ष पहले अमेरिकी सेना का यह विध्वंसक जहाज किस्का के एल्युटियन द्वीप के समीप बेरिंग समुद्र की अंधेरी सतह में कहीं गुम हुआ था।

बचा लिया गया जहाज
यह अमेरिका के उन दो क्षेत्रों में से एक है जो बीते 200 साल में कभी विदेशी अधिकार में रहे हैं। बताया जाता है कि जहाज के सदस्यों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए जहाज को तो बचा लिया था, लेकिन यह हिस्सा लापता हो गया था। इस जहाज को दो महीने में पुन: तैयार करके फिर से युद्ध में उतारा गया था और इसने कई महत्वपूर्ण युद्धों में भाग लिया। अनुमान है कि उस समय एक जापानी माइन से हुए हादसे में ये क्षतिग्रस्त होकर बिखर गया था। 18 अगस्त 1943 के बाद इस घटना में लापता हुए सैनिकों के परिवारीजन इस इंतजार में थे कि उन्हें अपने प्रियजनों के अंतिम स्थल के बारे में पता चले।

जापान की भूमिका
अमेरिकी नौसेना के पूर्व रीयर एडमिरल और यूएस नेशनल ओसिएनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के प्रभारी टिम गैलोडेट का का कहना है कि इतिहास के अब तक सबसे कम जाने गए अध्याय पर प्रकाश डालने की दिशा में ये महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके साथ अभूतपूर्व बलिदान देने वाले इन नौसेनिकों का सम्मान भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि जहाज अलास्का टाइम जोन के अनुसार देर रात करीब 1:50 बजे पेट्रोलिंग पर था। दूसरे विश्‍वयुद्ध में जापान की भूमिका काफी अहम रही।  

पर्ल हार्बर और परमाणु हमला
जापान ने 7 दिसंबर 1941 को अमेरिका के पारो हर्बल पर हमला किया उसके चार दिन बाद हिटलर ने अमेरिका के साथ युद्ध की घोषणा कर दी थी। जर्मनी की हार के बाद और हिटलर की मौत के बाद पूरा विश्व युद्ध खत्म हो गया लेकिन एशिया में जापान अभी भी युद्ध लड़ रहा था जापान ने मित्र देशों के नाक में दम कर दिया था उसने अमेरिका का भी बहुत सा नुकसान किया अमेरिकन तथा संस्थाओं को जीत लिया जापान उस समय इतना उस समय इतना ताकतवर था कि वह हार मानने के लिए तैयार नहीं था और यहां पर मित्र देशों से हराकर पूरी तरह युद्ध को खत्म करना था इसलिए अमेरिका में 6 और 9 अगस्त 1945 को 2 दिन एक – एक करके जापान के हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बम से हमला किया जिसमें हजारों निर्दोष जापानी लोगों की मृत्यु हुई और उसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो गया

दस करोड़ सैनिकों ने लिया हिस्‍सा
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बंटा हुआ था- मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया। इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। यह मानव इतिहास का सबसे ज्‍यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में 5 से 7 करोड़ लोगों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट और परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है 

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