अब डीएनए से चंद मिनटों में होगी व्यक्ति की पहचान

शोधकर्ताओं ने तैयार किया सॉफ्टवेयर सिस्टम, इससे भविष्य में कैंसर के उपचार की भी संभावना...

By Srishti VermaEdited By: Publish:Mon, 04 Dec 2017 09:46 AM (IST) Updated:Mon, 04 Dec 2017 09:46 AM (IST)
अब डीएनए से चंद मिनटों में होगी व्यक्ति की पहचान
अब डीएनए से चंद मिनटों में होगी व्यक्ति की पहचान

न्यूयॉर्क (प्रेट्र)। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी सॉफ्टवेयर प्रणाली विकसित करने में सफलता हासिल की है, जो चंद मिनटों में डीएनए से व्यक्ति और कोशिकाओं की पहचान कर सकती है। ईलाइफ नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, इस तकनीक के व्यापक इस्तेमाल किए जा सकते हैं। हालांकि इसका सबसे त्वरित उपयोग कैंसर के प्रयोगों में संक्रमित कोशिकाओं की पहचान करने में किया जा सकता है। फिलहाल इस पर अध्ययन किया जा रहा है।

इस तरह काम करेगा सॉफ्टवेयर : शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह सॉफ्टवेयर मिनआयन पर काम करेगा। क्रेडिट कार्ड के आकार का उपकरण अपने सूक्ष्म छिद्रों के जरिये विभिन्न डीएनए को अपनी ओर खींचता है। इसके बाद वह न्यूक्लियोटाइड या डीएनए के अक्षरों ए, टी, सी, जी के क्रम का विश्लेषण करता है।

किसी और काम के लिए विकसित किया था उपकरण : शोधकर्ताओं के मुताबिक, वास्तव में उन्होंने इस उपकरण का विकास किसी और काम के लिए किया था। उनका कहना है कि इसे विभिन्न तरह के जीवाणुओं और विषाणुओं के अध्ययन के लिए विकसित किया गया था, लेकिन इसमें बहुत अधिक गलतियां होने और अनुक्रम में बहुत ज्यादा अंतर होने के कारण अब इसका प्रयोग मानवीय कोशिकाओं के न्यूक्लियोटाइड के अध्ययन के लिए किया जा सकता है।

इस तरह तैयार की प्रणाली : शोधकर्ताओं ने इस प्रणाली को दो चरणों में विकसित किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वर्तमान में डीएनए द्वारा लोगों और कोशिकाओं की पहचान सत्यापित करने के लिए ज्यादातर मानव आनुवांशिक डाटा ऑनलाइन उपलब्ध है। इसे ही इस प्रणाली का आधार बनाया गया। सबसे पहले शोधकर्ताओं ने डीएनए के रेंडम स्ट्रिंग को अनुक्रमित करने के लिए मिनआयन का इस्तेमाल किया। इसके जरिए वे अलगअलग रूपों का चयन करते थे, जो कि सभी व्यक्तियों में अलग-अलग होते हैं और व्यक्ति को यूनिक बनाते हैं। इसके बाद शोधकर्ताओं ने एल्गोरिदम का प्रयोग किया, ताकि दूसरे आनुवांशिक प्रोफाइल में इसी प्रकार के वेरिएंट के मिश्रण की तुलना की जा सके। इसके बाद क्रॉस चेक के जरिए एल्गोरिदम को अपडेट किया गया और आखिर में शोधकर्ता इस प्रणाली को विकसित करने में सफल हुए।

नये उपचारों की खोज को लेकर उत्साहित : अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के यानीव एरलिच के मुताबिक, हमारा तरीका समाज के लाभ के लिए तैयार प्रौद्योगिकी के नये मार्ग प्रशस्त करना है। हम कैंसर अनुसंधान में कोशिका की पहचान करने की क्षमता और नये उपचारों की खोज में तेजी आने की संभावना को लेकर बहुत उत्साहित हैं।

भविष्य में संभावनाएं : शोधकर्ताओं के मुताबिक, फिलहाल इस प्रणाली का सीमित प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन हम इस पर और अध्ययन कर रहे हैं। इसकी कोशिकाओं को सटीकता से पहचानने की क्षमता का प्रयोग हम मानव की कैंसर कोशिकाओं की पहचान में भी कर सकें इसके लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कैंसर के उपचार में भी इस प्रणाली का जल्द प्रयोग किया जा सकेगा।

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