रविंद्रनाथ टैगौर के परिजनों ने कहा-विश्वभारती के अधिकारियों ने शांतिनिकेतन में ‘जेल जैसा माहौल’ बनाया

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वह एक सदी पुराने विरासत मार्ग को अपने अधिकार में ले लें।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 09:59 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 09:59 PM (IST)
रविंद्रनाथ टैगौर के परिजनों ने कहा-विश्वभारती के अधिकारियों ने शांतिनिकेतन में ‘जेल जैसा माहौल’ बनाया
रविंद्रनाथ टैगौर के परिजनों ने कहा-विश्वभारती के अधिकारियों ने शांतिनिकेतन में ‘जेल जैसा माहौल’ बनाया

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : रवींद्रनाथ टेगौर के परिजनों समेत कई जानेमाने लोगों ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों के खिलाफ पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वह एक सदी पुराने विरासत मार्ग को अपने अधिकार में ले लें क्योंकि उन्हें ऐसा भय है कि इस तक पहुंच को अवरूद्ध किया जा सकता है। 

विश्व भारती से जोड़ने वाली लंबी सड़क भी बंद की जाएगी

कलाकार नंदलाल बोस के परिवार के एक सदस्य समेत 40 हस्तियों द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि शांतिनिकेतन के कई हिस्सों में ऊंची-ऊंची चाहरदीवारी तथा ‘‘जेल जैसा जो माहौल बनाया गया है’’

उसे देखते ऐसी आशंका है कि टेगौर ने जिस श्रीनिकेतन गांव का सपना देखा था उसे विश्व भारती से जोड़ने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़क भी जनता के लिए बंद कर दी जाएगी और उसके स्थान पर एक नई सड़क बना दी जाएगी। 

बांग्ला भाषा में लिखे पत्र में नौ फुट ऊंची दीवार का हवाला

बांग्ला भाषा में लिखे इस पत्र में कहा गया है, ‘‘इस पुराने मार्ग से लगते हिस्से पर आठ से नौ फुट ऊंची इस दीवार का निर्माण पूरा होने को है, जहां पर अमर्त्य सेन, क्षितिमोहन सेन और नंदलाल बोस जैसे विद्वानों के आवास भी हैं।’’ 

शांतिनिकेतन तथा श्रीनिकेतन के बीच वैकल्पिक मार्ग बनेगा

इसमें कहा गया है कि शांतिनिकेतन तथा श्रीनिकेतन के बीच आवाजाही के लिए यदि वैकल्पिक मार्ग बना दिया जाएगा तो पुराने मार्ग को विश्वभारती विश्वविद्यालय के अधिकारी बंद कर देंगे। 

विश्वविद्यालय के अधिकारी परियोजना को एकतरफा चला रहे 

क्योंकि विश्वविद्यालय के अधिकारी ऐसी परियोजनाओं को एकतरफा ढंग से चला रहे हैं और इस पर आपत्तियों की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस बारे में विश्व भारती के अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई है। 

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