मां-बेटे तो पास हो गए लेकिन पिता फेल हो गए

सिर्फ उनके बेटे विप्लव ने ही प्राइवेट ट्यूशन लिया था और उसने अपने मां-बाप को घर में पढ़ाया था। मां-बेटे आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 31 May 2017 12:53 PM (IST) Updated:Wed, 31 May 2017 12:53 PM (IST)
मां-बेटे तो पास हो गए लेकिन पिता फेल हो गए
मां-बेटे तो पास हो गए लेकिन पिता फेल हो गए

जागरण संवाददाता, [ बैरकपुर] । उच्च माध्यमिक के नतीजे मंडल परिवार के लिए खुशी व अफसोस साथ लेकर आया। नदिया जिले के पतिकाबाड़ी गांव में रहने वाले इस परिवार के तीन सदस्यों ने इस साल एक साथ उच्च माध्यमिक परीक्षा दी थी। इनमें पिता बलराम, मां कल्याणी और उनका बेटा बिप्लव शामिल था। मां-बेटे तो पास हो गए लेकिन पिता फेल हो गए। कल्याणी को 500 में 228 अंक (45.6 फीसद) मिले हैं जबकि उनके बेटे बिप्लव ने 253 अंक (50.6 फीसद) अर्जित किए हैं।

बिप्लव ने कहा-‘हमारी खुशियां पूरी हो गई होती अगर मेरे पिता भी पास हो जाते। हम कोशिश करेंगे कि अगली बार उन्हें पढ़ने के लिए ज्यादा समय मिले।’ तीनों ने धानतला के हाजरापुर हाई स्कूल से पढ़ाई कर परीक्षा दी थी। तीनों के एक समान विषय थे-बांग्ला, अंग्रेजी, इतिहास, एजुकेशन, संस्कृत एवं दर्शन शास्त्र।

सिर्फ उनके बेटे विप्लव ने ही प्राइवेट ट्यूशन लिया था और उसने अपने मां-बाप को घर में पढ़ाया था। मां-बेटे आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। कल्याणी ने कहा-‘हम आगे इन्हीं विषयों के साथ पढ़ाई करना चाहते हैं। इससे किताबों पर खर्च कम आएगा।’

कल्याणी जब आठवीं में थी, उसी समय उसकी बलराम से शादी हो गई थी। उनका बेटा बलराम उसे मिले अंकों से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा-‘मैंने इससे कहीं ज्यादा अंकों की उम्मीद की थी। मैं अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की रिव्यू कराना चाहता हूं। अगर रिव्यू के बाद भी अंक नहीं बढ़े तो मैं अगले साल फिर से परीक्षा में बैठूंगा।’ परीक्षा के समय बलराम प्रात:काल उठकर खेतों में काम करने चले जाते थे और वहां से लौटकर पढ़ाई करते थे।

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