बांग्लादेशी पशु तस्करों के हमले में बीएसएफ जवान घायल, बीएसएफ ने बीजीबी से जताया कड़ा विरोध

बांग्लादेशी पशु तस्करों के हमले में बीएसएफ जवान घायल बीएसएफ ने बीजीबी से जताया कड़ा विरोध- जवान पर हमले को लेकर बीएसएफ ने फ्लैग मीटिंग में बीजीबी को विरोध पत्र सौंपा

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 17 Jul 2020 09:51 AM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 09:51 AM (IST)
बांग्लादेशी पशु तस्करों के हमले में बीएसएफ जवान घायल, बीएसएफ ने बीजीबी से जताया कड़ा विरोध
बांग्लादेशी पशु तस्करों के हमले में बीएसएफ जवान घायल, बीएसएफ ने बीजीबी से जताया कड़ा विरोध

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बांग्लादेशी पशु तस्करों के हमले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार शाम मुर्शिदाबाद के जालंगी सीमा चौक इलाके में ड्यूटी पर तैनात 141वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल बुबाई नुरकी जब मवेशियों की तस्करी को रोकने का प्रयास कर रहे थे तो पशु तस्करों ने उन पर हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने एक बांग्लादेशी तस्कर को पकड़ लिया।

अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही बीएसएफ जवान ने एक पशु तस्कर को पकड़ा तभी उसके साथियों ने उन पर पीछे से लाठी-डंडों से अचानक हमला कर दिया। जवान व तस्करों के बीच जमकर हाथापाई भी हुई इसमें जवान के दाहिने हाथ की उंगली (रिंग फिंगर) की हड्डी टूट गई। जवान ने डटकर मुकाबला किया और अंत में दोनों मवेशियों को छोड़कर तस्कर भाग निकले।

इधर, अपने जवान पर हमले की घटना को लेकर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से कड़ा विरोध जताया है। घटना के पश्चात सीमा चौकी जालंगी के कंपनी कमांडर ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के कंपनी कमांडरों के साथ फ्लैग मीटिंग में एक विरोध पत्र (प्रोटेस्ट नोट) भी सौंपा है। इसमें बीजीबी से स्पष्ट कहा गया है कि वह सुनिश्चित करें कि बांग्लादेश की तरफ से सीमा रेखा का उल्लंघन करके भारतीय क्षेत्र में कोई अपराधी न घुस पाए। जिससे तस्करी की घटनाओं तथा आए दिन बॉर्डर पर होने वाली वारदातों को रोका जा सके।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों का कहना है कि भारत- बांग्लादेश की सीमा पर तैनात जवानों की जान व माल की किसी भी प्रकार की क्षति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बांग्लादेश में बीएसएफ के खिलाफ किया जाता है दुष्प्रचार

दरअसल, आए दिन 'कुर्बानी ईद' के कारण बांग्लादेशी तस्कर नित नए प्रयासों को अंजाम देकर मवेशियों की तस्करी करने का प्रयास करते हैं लेकिन बीएसएफ द्वारा उनके मंसूबों को लगातार विफल कर दिया जाता है। सीमा सुरक्षा बल की आक्रामक तथा सक्रिय रणनीति के कारण हताश तथा तिलमिलाए तस्कर आए दिन गुट बनाकर जवानों पर लाठी, धारदार हथियार, देसी कट्टे/पिस्टल आदि से हमला कर देते हैं। कई बार आत्मरक्षा में बीएसएफ जवानों को मुठभेड़ में गोली भी चलानी पड़ती है। इस गोली-बारी में कई बार अपराधी मारे जाते है व घायल हो जाते है, जिसमें भारतीय तथा बांग्लादेशी दोनों देशों के तस्कर शामिल होते हैं।

उधर, बांग्लादेशी तस्करों की मौत पर पड़ोसी देश में बीएसएफ के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता है। खासकर बांग्लादेश की मीडिया द्वारा बेबुनियाद खबरें प्रसारित की जाती है जिससे बीएसएफ के खिलाफ वहां के लोगों में रोष उत्पन्न होता है। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि इसको लेकर कई बार आगाह भी किया जा चुका है कि बीजीबी अपने नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में घुसने से रोके, ताकि इस प्रकार की वारदात ना हो। 

chat bot
आपका साथी