गलवान घाटी में शहीद विपुल राय के परिवार से मिले राज्यपाल, दी आर्थिक सहायता

Galvan Valley गलवान घाटी में कुछ महीने पहले चीनी सैनिकों के साथ हुए झड़प में शहीद हुए हवलदार विपुल राय को श्रद्धांजलि देने राज्यपाल जगदीप धनखड़ अलीपुरद्वार जिले के बिंदीपाड़ा गांव पहुंचे। राज्यपाल के साथ उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ सांसद जॉन बारला समेत सेना के अधिकारी मौजूद थे।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 09 Oct 2020 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 09 Oct 2020 03:15 PM (IST)
गलवान घाटी में शहीद विपुल राय के परिवार से मिले राज्यपाल, दी आर्थिक सहायता
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ गलवान घाटी में

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में कुछ महीने पहले चीनी सैनिकों के साथ हुए झड़प में शहीद हुए हवलदार विपुल राय को श्रद्धांजलि देने शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ अलीपुरद्वार जिले के बिंदीपाड़ा गांव पहुंचे।

राज्यपाल के साथ उनकी पत्नी सुदेश धनखड़, सांसद जॉन बारला समेत सेना के अधिकारी मौजूद थे। इस दिन सुबह 9.30 के करीब राज्यपाल शहीद परिवार के घर पहुंचे। यहां पहुंचकर शहीद विपुल राय के पिता निरेन राय और शहीद की पत्नी रुम्पा रायको अलग-अलग साढ़े पांच लाख रुपये (कुल 11 लाख) का चेक सौंपा।

राज्यपाल 40 मिनट तक परिवार वालों से बात की। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि केंद्रीय सरकार हमेशा से ही शहीद परिवार के साथ हैं। आज परिवार को चेक सौंपा गया है। साथ ही शहीद परिवार के एक सदस्य काे नौकरी दी गई। दूसरी ओर शहीद परिवार की ओर से राज्यपाल के साथ मुलाकात को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। आज राज्यपाल सफर के दौरान जिला प्रशासन के कोई अधिकारी मौजूद नहीं थे।  

राज्यपाल के साथ उनकी पत्नी व राज्य की प्रथम नागरिक सुदेश धनखड़ एवं पूर्वी सेना कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान व उनकी पत्नी अनुपमा चौहान भी शहीद के घर के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल, शहीद विपुल राय की मां व पत्नी को 5.5- 5.5 लाख रुपये (कुल 11 लाख) का अलग-अलग चेक भी दी गई। 

गौरतलब है कि इससे पहले राज्यपाल गलवान घाटी में शहीद होने वाले बंगाल के बीरभूम जिले के रहने वाले एक और सैनिक राजेश ओरांग के घर भी 17 जुलाई को गए थे। राज्यपाल ने शहीद की मां ममता ओरांग को 11 लाख रुपये का चेक भी भेंट किया था। राज्यपाल के साथ पूर्वी कमान के प्रमुख अनिल चौहान भी गए थे। 

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