मौसम परिवर्तन में सांस के रोगी परेशान

-पल्मनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) के द्वारा फेफड़ों की होती है जांच -40 वर्ष से अधिक उम्र पर होता है

By Edited By: Publish:Sat, 25 Oct 2014 08:46 PM (IST) Updated:Sat, 25 Oct 2014 08:46 PM (IST)
मौसम परिवर्तन में सांस के रोगी परेशान

-पल्मनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) के द्वारा फेफड़ों की होती है जांच

-40 वर्ष से अधिक उम्र पर होता है सबसे ज्यादा प्रभाव

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : परिवर्तन का असर विभिन्न रोगियों पर अलग-अलग तरह नजर आ रहा है। सास के पुराने रोगी जहा अधिक परेशान हैं, वहीं नए रोगी भी चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। हफ्ते भर से सास के रोगियों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 100 के अधिक सास के रोगी पहुंच रहे हैं, जिनमें से आधे से अधिक सीओपीडी से प्रभावित पाए जा रहे हैं। सामान्य तौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र वालों पर इस बीमारी का हमला होता है। इन मरीजों को धूल, धुआ और सर्दी से संक्त्रमण के कारण फेफड़ों में आने वाली रुकावट के चलते सास लेना भारी पड़ता है। इसके अलावा अस्थमा के मामलों में भी इजाफा हुआ है। श्वास रोग के मामलों में पल्मनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) के द्वारा रोगी के फेफड़ों की स्थिति पता की जाती है। उन्होंने सलाह दी कि इस तरह के रोगी सर्दी और वायु प्रदूषण से बचाव रखें। दो दिन पूर्व ही दीपावली में फोड़े गये पटाखा से भी वायु प्रदूषण ऐसे रोगियों को परेशान कर रखा है। चिकित्सक शेखर चक्रवर्ती का कहना है कि ऐसे रोगियों को खासी-जुकाम प्रभावित लोगों के संपर्क में नहीं करना चाहिए। धूम्रपान और अधिक धुआ वाली जगह से परहेज करें। सर्दी से बचने को गर्म कपड़े और नहाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें। नियमित व्यायाम करें और शुद्ध वातावरण में रहें। हरी सब्जियों और पौष्टिक आहार का सेवन करें।

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