Coronavirus: प्रशासन की चूक से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा

तमाम जिलों में बाहरी राज्य या अन्य जिलों से पहुंचने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच की समुचित व्यवस्था तक नहीं की गई। इनमें से अधिकांश लोगों का कोरोना टेस्ट के सैंपल तक नहीं भेजे।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Publish:Wed, 06 May 2020 11:06 AM (IST) Updated:Wed, 06 May 2020 11:06 AM (IST)
Coronavirus: प्रशासन की चूक से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
Coronavirus: प्रशासन की चूक से बढ़ सकता है कोरोना का खतरा

उत्तरकाशी, जेएनएन। सूबे में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस सबसे बेखबर है। तमाम जिलों में बाहरी राज्य या अन्य जिलों से पहुंचने वाले लोगों की स्वास्थ्य जांच की समुचित व्यवस्था तक नहीं की गई है। इनमें से अधिकांश लोगों का कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल तक नहीं भेजा रहा है। कुछ जगह ग्राम पंचायत भवन में क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन वहां दाखिल लोगों की निगरानी तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आने वाले दिन सूबे की सेहत के लिए भारी हो सकते हैं।

नहीं किया कोरोना टेस्ट 

उत्तरकाशी में विभिन्न राज्यों में फंसे 381 लोग पहुंचे हैं। इन लोगों में से किसी का भी कोरोना टेस्ट नहीं किया गया है। इनमें से कुछ को गांवों में पंचायत भवन में क्वारंटाइन किया गया है, जहां निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यदि इनमें से एक भी कोरोना पाजिटिव पाया गया, तो वह जनपद के लिए खतरा बन सकता है। पुरोला की मठ के प्रधान अरविंद पंवार कहते हैं कि गांव के प्राथमिक विद्यालय में प्रशासन के आदेश पर पांच लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। भोजन और बिस्तर की व्यवस्था स्वजनों को खुद करनी पड़ रही है। 

भद्राली के पूर्व प्रधान राजपाल पंवार कहते हैं कि पंचायत क्वारंटाइन करने के लिए सरकारी आदेश तो हुए हैं। लेकिन, धरातल पर व्यवस्थाएं शून्य हैं। पंचायत भवन व स्कूलों में जिन महिला पुरुषों को क्वारंटाइन किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। वहीं, प्रशासन ने पूरा जिम्मा गांंव के प्रधान, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं पर ऊपर छोड़ा है। इसके अलावा पंचायत व स्कूल भवनों में परिजनों खाने और बिस्तर का इंतजाम भी खुद करने के लिए कहा है।

रुद्रप्रयाग जिले में 288 लोग बाहरी राज्यों से आए हैं, जिनमें से 88 लोगों को प्रशासन की ओर से बनाए गए फेसिलिटी क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन किया गया है, जबकि अन्य लोगों को औपचारिक जांच के बाद घर भेज दिया गया है। घर भेजे गए लोगों में से किसी का भी कोरोना टेस्ट नहीं किया गया, जबकि बिना किसी लक्षण के भी कोरोना पॉजिटिव के मामले विभिन्न प्रदेशों में आ रहे हैं, जिससे खतरे की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि रेड जोन व बाहरी क्षेत्रों से आने वाले लोगों का गुलाबराय में स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिस आधार पर ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है।

टिहरी जिले में पिछले तीन दिनों में 12 लोग पंजाब और राजस्थान से आए हैं। बाहर से आने वाले इन लोगों का जिले की सीमाओं में भ्रद्रकाली, डोईवाला, सुवाखोली सहित आठ चेकपोस्ट पर स्क्रीनिंग की जा रही है, लेकिन कोरोना जांच की कोई सुविधा नहीं है। 

सावधानी बरतने के नाम पर रेड जोन से जो लोग घर पहुंच रहे है, उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। जबकि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। ऐसे में बड़ी संख्या में बाहर से गांव आने वाले लोगों से संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। अभी तक जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है। 

घर वापसी से संक्रमण का खतरा बना है। नगरपालिका ईओ राजेंद्र सजवाण का कहना है कि पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लोगों पर पालिका प्रशासन की ओर से नजर रखी जा रही है। जो लोग बाहर से आ रहे हैं उन्हें चौदह दिन के क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। नोडल अधिकारी एम डिमरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लाक स्तरीय टीम ऐसे लोगों की निगरानी कर रही है।

233 लोग फेसिलिटी क्वारंटाइन

बाहरी राज्यों से 233 लोग तीन दिन में चमोली जिले में पहुंचे हैं। इन सभी को विभिन्न स्थानों पर फेसिलिटी क्वारंटाइन किया गया है। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को फैसेलिटी क्वारंटाइन किया जा रहा है।

एक भी व्यक्ति का कोरोना जांच के लिए नहीं लिया सैंपल

पौड़ी जनपद में बाहरी प्रदेशों से दो दिनों में 476 लोग आए हैं। इनमें से किसी की भी कोरोना जांच के लिए सैंपल नहीं लिया गया है। बिना कोरोना टेस्ट के बाहरी लोगों को गांव में भेजे जाने पर ग्रामीण संशय में हैं। ग्रामीण दिनेश, राजेश और महिपाल कहते हैं कि कई बार बिना लक्षणों के भी कोरोना की पुष्टि हो रही है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों की कोरोना जांच होनी चाहिए।

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वहीं जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों पर पूरी नजर रखी जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम को चंडीगढ़ से 478 लोग जनपद में पहुंचे। जिनकी हरिद्वार में थर्मल स्क्रीनिंग की गई है, जो सभी स्वस्थ पाए गए हैं, और इन्हें घर भेजा जा रहा है।

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