Move to Jagran APP

Coronavirus: भूखे-प्यासे लोगों को घर के पास ही ङोलनी पड़ी मुसीबत Uttarkashi News

क्वारंटाइन होने वाले लोगों के स्वजनों ने खाने और रहने की व्यवस्था तो स्कूल व पंचायत घर में कर दी है लेकिन बच्चों व घर की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर स्वजन चिंतित हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 10:49 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 10:49 AM (IST)
Coronavirus: भूखे-प्यासे लोगों को घर के पास ही ङोलनी पड़ी मुसीबत Uttarkashi News
Coronavirus: भूखे-प्यासे लोगों को घर के पास ही ङोलनी पड़ी मुसीबत Uttarkashi News

उत्तरकाशी, जेएनएन। पंचायत क्वारंटाइन के आदेश पर क्वारंटाइन होने वाले लोगों के स्वजनों ने खाने और रहने की व्यवस्था तो स्कूल व पंचायत घर में कर दी है, लेकिन बच्चों व घर की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर स्वजन चिंतित हैं। पंचायत क्वारंटाइन में 14 दिनों तक रात की पहरेदारी कौन करेगा, इसकी कोई भी व्यवस्था नहीं है। सबसे अधिक परेशानी उन स्थानों पर है जहां केवल महिलाएं, बच्चे और बालिकाएं क्वारंटाइन हैं।

loksabha election banner

बडकोट के डंडाल गांव के प्रधान बेताल सिंह कहते हैं कि उनके गांव में दो बालिकाएं और एक बालक क्वारंटाइन के लिए आए हैं, जिन्हें गांव के निकट निर्जन स्थान पर स्थित सरकारी स्कूल में रखा गया है। 

हालांकि, खाने व बिस्तर की व्यवस्था उनके स्वजनों ने की है। किंतु रात को निर्जन स्थान पर विद्यालय की पहरेदारी और चौकीदारी कौन करेगा। पुरोला मठ गांव के प्रधान कहते हैं कि रात के समय प्रशासन ने 63 लोगों को नवोदय विद्यालय में पहुंचाया। 

सुबह इन सभी लोगों को संबंधित गांवों में छोड़ दिया। उनके गांव में देहरादून में पढ़ाई करने वाली दो बालिकाओं को छोड़ा गया। ये बालिकाएं मठ ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले कुमारकोट की हैं। इन बालिकाओं को प्रशासन के निर्देश पर मठ गांव के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किया जा रहा है। 

इनके खाने और बिस्तर की व्यवस्था इनके परिजनों की है। लेकिन, उनके सामने सबसे बड़ी समस्या इन बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर है। 14 दिन तक रात को निर्जन स्थान पर इन बालिकाओं की सुरक्षा कौन करेगा।

लॉकडाउन में फंसे 472 लोग सोमवार देर रात पहुंचे लॉकडाउन में फंसे बडकोट सहित यमुना घाटी के 472 लोग देर रात बड़कोट पहुंचे, जिनकी स्वास्थ्य जांच करायी गयी। जब स्वास्थ्य जांच बड़कोट में ही करायी जानी थी, तो फिर यमुना घाटी के इन लोगों को देहरादून से पहले चिन्यालीसौड़ पहुंचाने पर भी सवाल उठे रहे हैं। 

इससे इन लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी बच्चों के साथ महिलाओं व वृद्ध लोगों को ङोलनी पड़ी। वह तो शुक्र है कि पुलिस ने अपनी मेस से इन लोगों को सड़क पर ही आधी रात में भोजन उपलब्ध कराया।

देहरादून से बस में सवार बड़कोट निवासी नीरू और पपलेश रावत ने शासन और प्रशासन पर आरोप लगाया कि जब उन्हें बड़कोट आना था तो मसूरी से चिन्यालीसौड़ होते हुए क्यों लाया गया। जबकि वे डामटा होते हुए सोमवार की दोपहर में ही बड़कोट पहुंच सकते थे।

यह भी पढ़ें: Locksown: पनियाला गांव को मिली राहत, 31 दिन बाद किया सीलमुक्त Haridwar News

महाराणा प्रताप स्टेडियम से बसों में भरकर भूखे प्यासे रहते हुए किसी तरह चिन्यालीसौड, पहुंचे। चिन्यालीसौड़ में नाश्ता और पानी तक नसीब नहीं हुआ। एक साथ बड़कोट पहुंचने पर ही भारी संख्या में सवारियों को अपनी डिटेल लिखवाने और थर्मल स्क्रीनिंग कराने सहित क्वारंटाइन होने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।सीओ अनुज आर्य ने बताया कि एक साथ सभी बसें डामटा रूट से न आकर धरासू रूट से आई, इसलिए थोड़ी परेशानी हुई। डामटा में पर्याप्त भोजन, रहने और स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था थी।

यह भी पढ़ें: Lockdown: चौदह बीघा के मार्ग पर फिर से लगाया बैरियर Rishikesh News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.