रणसिंघा की गूंज पर उतरे कंडार महाराज

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : रिमझिम बारिश के बीच स्थानीय आराध्य कंडार देवता व हरि महाराज के ढोल के

By Edited By: Publish:Wed, 14 Jan 2015 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jan 2015 06:00 PM (IST)
रणसिंघा की गूंज पर उतरे कंडार महाराज

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : रिमझिम बारिश के बीच स्थानीय आराध्य कंडार देवता व हरि महाराज के ढोल के साथ बुधवार को माघ मेले का आगाज हुआ। मकर संक्रांति पर्व पर स्नान को पहुंची देवडोलियों के नृत्य और समागम ने मेले के पारंपरिक स्वरूप का अहसास करा दिया।

भैरव चौक स्थित कंडार देवता मंदिर व आस्था के केंद्र चमाला की चौंरी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। बुधवार दोपहर करीब बारह बजे हरि महाराज के ढोल के साथ बाडागड्डी क्षेत्र के लोग जयकारे लगाते हुए पहुंचे। आराध्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना के साथ क्षेत्र की सुख समृद्धि की कामना की गई। उसके बाद डोली नृत्य और ढोल नगाड़ों की गूंज के साथ नगर क्षेत्र में शोभायात्रा निकली। नगर के विश्वनाथ चौक व हनुमान चौक होती हुई शोभायात्रा रामलीला मैदान में पहुंची। कंडार देवता की डोली और हरि महाराज के ढोल ने परंपरानुसार माघ मेले का उद्घाटन किया। मेले में इसके बाद डोली ढोल दमाऊं की थाप और रणसिंघा की गूंज पर डोलीनृत्य देखकर श्रद्धालु अभीभूत हो उठे। उसके बाद मेला मंच पर देवडोलियों व ध्वज निशानों की पूजा अर्चना की गई।

रांसो नृत्य ने बांधा समा

माघ मेले में पहले दिन डोली नृत्य के साथ ही पाटा, संग्राली, सिरोर, जसपुर व बग्याल गांव की महिला पुरुषों ने पारंपरिक रांसो नृत्य से समां बांध दिया। महिला पुरुषों के अलग-अलग दलों ने ठेठ पारंपरिक गीतों पर ढोल की ताल के साथ अपनी प्रस्तुतियां दी। जिस पर मेला पंडाल में मौजूद अन्य लोग भी थिरकने लगे। मेला मंच पर आशाराम भट्ट भजन दल ने भजन माला की प्रस्तुति के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया।

बारिश से हुई परेशानी

बुधवार को सुबह से हो रही बारिश के कारण माघ मेला परिसर में अधिकांश दुकानें नहीं सजाई जा सकी। बारिश कारण पूरे मेला परिसर में कीचड़ होने से व्यापारी पूरे दिन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। वहीं चरखी व अन्य खेल तमाशे भी बंद रहे।

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