टिहरी झील के किनारे वीरान पड़ी है साहसिक खेल अकादमी

15 करोड़ रुपये की लागत से टिहरी झील के किनारे कोटी कॉलोनी में बनाई गई साहसिक खेल अकादमी छह साल से वीरान पड़ी है। आज तक इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 11:33 AM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 08:41 PM (IST)
टिहरी झील के किनारे वीरान पड़ी है साहसिक खेल अकादमी
टिहरी झील के किनारे वीरान पड़ी है साहसिक खेल अकादमी

नई टिहरी, जेएनएन। 15 करोड़ रुपये की लागत से टिहरी झील के किनारे कोटी कॉलोनी में बनाई गई साहसिक खेल अकादमी छह साल से वीरान पड़ी है। यहां स्थानीय युवाओं को वाटर, एयरो और एडवेंचर स्पोर्ट्स का प्रशिक्षण दिया जाना था। पर्यटन विभाग की लापरवाही के चलते आज तक इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया। 

कोटी कॉलोनी में वर्ष 2014 में राजीव गांधी साहसिक खेल अकादमी का निर्माण हुआ। इसी वर्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसका उद्घाटन भी कर दिया। बावजूद इसके संचालन न होने पर वर्ष 2018 में स्थानीय विधायक धन सिंह नेगी ने पर्यटन विभाग को गोवा के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाटर स्पोर्ट्स के विशेषज्ञों से अकादमी का संचालन शुरू कराने का प्रस्ताव दिया। इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला। स्थानीय युवा एवं टिहरी झील बोटिंग एसोसिएशन के संरक्षक कुलदीप पंवार का कहना है कि सरकार की लापरवाही स्थानीय युवाओं की उम्मीदों पर भारी पड़ रही है। 

इन खेलों का मिलना है प्रशिक्षण 

वाटर स्पोर्ट्स: वाटर पैरासिलिंग, स्कल्स, लाइफ सेविंग टेक्निक, क्याकिंग, कैनोइंग, वाटर स्कीइंग, बोर्ड हैंडलिंग व स्कूबा डाइविंग। 

एयरो स्पोर्ट्स: पैरासिलिंग, पैराग्लाइडिंग व हॉट एयर बैलून।

एडवेंचर कोर्स: रॉक क्लाइंबिंग, ट्रैकिंग, माउंटेन बाइकिंग व आर्टिफिशियल रॉक क्लाइंबिंग। 

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शासन को भेजा गया है पत्र 

टिहरी जिले के जिला पर्यटन अधिकारी एसएस यादव के मुताबिक, गोवा के साथ करार हुआ था, लेकिन किन्हीं कारणों से अभी तक अकादमी का संचालन शुरू नहीं हो पाया। इस संबंध में शासन को पत्र भेजा गया है।

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