अमित की हत्या का पर्दाफाश

संवाद सूत्र: कीर्तिनगर: नैथाणा के पंप हाउस निवासी अमित बसलियाल की मौत का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।

By Edited By: Publish:Thu, 23 Apr 2015 06:24 PM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2015 06:24 PM (IST)
अमित की हत्या का पर्दाफाश

संवाद सूत्र: कीर्तिनगर: नैथाणा के पंप हाउस निवासी अमित बसलियाल की मौत का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने अमित की हत्या के आरोप में उसके मौसेरे भाई और एक दोस्त को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों ने अमित की हत्या करने की बात स्वीकार की है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है। कोर्ट के निर्देश पर उन्हें चौदह की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

कीर्तिनगर पुलिस ने अमित बसलियाल की हत्या के आरोप में गुरुवार को दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पिछले साल 20 अक्टूबर को अमित लापता हो गया था। 26 अक्टूबर को अमित बसलियाल का शव अलकनंदा नदी में मिला था। अमित के परिजनों ने कुछ संदिग्धों पर अमित की हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर अमित के परिजन पिछले कई दिनों से डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे। कीर्तिनगर कोतवाल अब्बल सिंह रावत ने बताया कि अमित की हत्या के आरोप में उसके मौसरे भाई पंकज बडोनी व दोस्त राजेश केडियाल को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि पंकज और राजेश ने अमित को नौकरी लगाने का झांसा दिया था इसके बाद अमित ने उन्हें कुछ रुपये दिए थे, लेकिन नौकरी न लगने पर अमित दोनों से रुपये वापस मांग रहा था। 20 अक्टूबर को नशे की हालत में पैसे वापस लेने को लेकर अमित और पंकज में मारपीट हो गई। इस दौरान पंकज ने सड़क पर पड़े पत्थर से अमित के सिर पर वार कर दिया जिससे अमित लड़खड़ा गया इसी दौरान राजेश ने अमित को धक्का देकर नदी में गिरा दिया। कोतवाल ने बताया कि दोनों से कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने अमित की हत्या की बात स्वीकार कर ली है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

हत्यारों को मिले फांसी

नई टिहरी: डीएम कार्यालय नई टिहरी में क्रमिक अनशन पर बैठे अमित के पिता आशाराम बसलियाल ने बताया कि अभी उन्हें किसी के गिरफ्तार होने की सूचना नहीं मिली है। मीडिया से ही उन्हें इस बात की जानकारी मिल रही है। अमित की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। आशाराम ने बताया कि 25 अप्रैल से उनका आमरण अनशन पर बैठने का ऐलान था, लेकिन अब इस संबंध में पूरी जानकारी के बाद ही वह आगे का कदम उठाएंगे।

पुलिस जांच पर उठे सवाल

अमित हत्याकांड में पुलिस शुरु से ही इसे सामान्य मौत बता रही थी। जिस कारण इस केस में सात महीने बाद भी कोई परिणाम नहीं आया। अगर अमित के परिजन डीएम कार्यालय टिहरी में क्रमिक अनशन पर नहीं बैठते तो शायद ही इस हत्याकांड का खुलासा हो पाता। 29 दिन से परिजन डीएम कार्यालय में क्रमिक अनशन पर बैठे हें। जबकि 18 अप्रैल को परिजनों और छात्रों ने नई टिहरी में सात घंटे का जाम लगाया था।

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