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Uttarakhand Forest Fire: जंगल की आग की घटनाओं में तीन गुना वृद्धि... हिमालय की सैकड़ों ग्लेशियर झीलों में भी फैलाव... बढ़ी तबाही की आशंका

Uttarakhand Forest Fire देहरादून स्थित एनवायर्नमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी समूह व एसडीसी फाउंडेशन ने यह दावा किया है। रिपोर्ट में मुख्य रूप से जंगलों की आग की घटनाएं उल्लेखित हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जंगलों में आग की घटनाओं में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार अल्मोड़ा जिले में पिछले वर्ष इन दो महीनों में जंगल की आग की 299 इस बार 909 हुईं।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Published: Fri, 24 May 2024 12:31 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 12:31 PM (IST)
Uttarakhand Forest Fire: मुख्य रूप से जंगलों की आग की घटनाएं उल्लेखित

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में जंगल की आग की घटनाएं पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना बढ़ी हैं। साथ ही ग्लेशियर लेक में भी विस्तार हुआ है।

देहरादून स्थित एनवायर्नमेंटल एक्शन एंड एडवोकेसी समूह व एसडीसी फाउंडेशन ने यह दावा किया है। अपनी मासिक रिपोर्ट और उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट एनालिसिस इनिशिएटिव (उदय) की रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है।

गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट में उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग, हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियर झीलों के फैलाव के साथ ही इसरो के अध्ययन और नैनीताल जिले में वाहन दुर्घटनाओं में मौत आदि प्रमुख बिंदु शामिल किए गए गए हैं।

रिपोर्ट में मुख्य रूप से जंगलों की आग की घटनाएं उल्लेखित हैं। जिसके तहत दावा किया गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जंगलों में आग लगने की घटनाओं में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।

मार्च और अप्रैल में 6295 घटनाएं

नासा के अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2023 में मार्च और अप्रैल में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की 1850 घटनाएं हुई थीं, इस वर्ष मार्च और अप्रैल में 6295 घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अल्मोड़ा जिले में पिछले वर्ष इन दो महीनों में जंगल की आग की 299, इस बार 909 हुईं।

इसी तरह बागेश्वर में पिछले वर्ष 75 तो इस वर्ष 224, चमोली में पिछले वर्ष 99 और इस वर्ष 293, चंपावत में वर्ष 2023 में 120 और 2024 में 1025, देहरादून पिछले वर्ष 48 तो इस वर्ष 62, पौड़ी में पिछले वर्ष 378 और इस वर्ष 742, हरिद्वार में पिछले वर्ष 42 और इस वर्ष 25, नैनीताल में पिछले वर्ष 207 और इस वर्ष 1524, पिथौरागढ़ में पिछले वर्ष 213 और इस वर्ष 615, रुद्रप्रयाग में पिछले वर्ष 31 और इस वर्ष 117, टिहरी में पिछले वर्ष 115 और इस वर्ष 380, ऊधम सिंह नगर में पिछले वर्ष 183 तो इस वर्ष 290 और उत्तरकाशी में पिछले वर्ष 40 तो इस वर्ष 89 घटनाएं हुईं।

इसके अलावा रिपोर्ट में इसरो के अध्ययन के अनुसार हिमालय की सैकड़ों ग्लेशियर झीलों के फैलाव की बात कही गई है। जिसमें हिमालय में ग्लेशियर लेक में विस्फोट की आशंका जताई गई है।

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह से झीलों के फटने का खतरा बना रहता है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ के कारण तबाही आ सकती है।


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